शिवराज के "पंचनिष्ठ संकल्प" ने मप्र की करोड़ों बहन-बेटियों की जिन्दगी बदली
शिवराज के "पंचनिष्ठ संकल्प" ने मप्र की बहन बेटियों की
जिन्दगी बदल दी
विजय शुक्ला
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान के घर बेटी नहीं जन्मी तो श्रीमती साधना सिंह के साथ मिलकर उनके मन में गांवों की गरीब बेटियों को गोद लेने की युक्ति सूझी। दोनों ने साथ मिलकर बेटियों को गोद लेना शुरू कर दिया और उनके धर्म माता-पिता बनकर शिक्षा से लेकर विवाह तक की सभी जिम्मेदारियां उठाई। उनके लिए एक अच्छा वर तलाश किया,भव्य विवाह समारोह और फिर उसे डोली में विदाई दी। आज शिव-साधना दम्पत्ति अनगिनत बेटियों को गोद लेकर उनकी परवरिश कर रही है। उनकी इसी सोच के व्यापक विस्तार के स्वरूप में मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार बेटियों की खुशहाली के लिए एक-एक कर कई योजनाएं चला रही है जो सामाजिक परिवर्तन में क्रांतिकारी साबित हो रहीं हैं।
ऐसी ही एक क्रांतिकारी योजना का नाम है लाड़ली बहना योजना। जी हां! मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना ने सामाजिक सोच में अपना बहुत ही गहरा असर दिखाया है। शिवराज ने नारी सशक्तीकरण के लिए एक अनूठा उपाय खोजकर यह योजना शुरू की। जिसके तहत प्रत्येक बहन के खाते में सीधे हजार रुपये प्रतिमाह पहुंच रहे हैं। सरकार इस राशि को 3000 रुपये बढ़ाने की बात कह चुकी है। मध्यप्रदेश की लगभग सवा करोड़ बहनों को इसका लाभ मिल रहा है। योजना के दूसरे चरण की शुरुआत भी हो गई है। विपक्षी दल इसे भले ही भाजपा सरकार की चुनावी राजनीति का हिस्सा कहें लेकिन लाड़ली बहना योजना महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में निःसन्देह आज मील का पत्थर बन गई है। और हां, इस योजना का लाभ कांग्रेसी सहित सभी राजनीतिक दलों से जुड़े वे परिवार भी उठा रहे हैं जो दिन रात पानी पी कर सुबह शाम शिवराज सरकार को कोसते रहते हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के पूर्व भी राज्य में कई मुख्यमंत्री हुए लेकिन उनकी सोच में सामाजिक परिवर्तन लाने के प्रयासों की तुलना शिवराज से नहीं की जा सकेगी। लाड़ली बहना से हटकर भी शिवराज सरकार ने मध्यप्रदेश की बेटियों की खुशहाली और उनके माता पिता के बोझ को कम करने की दिशा में कई योजनाएं चलाई हैं। जिनके कारण बेटा होने पर गर्व करने वाले बहुसंख्यक समाज मे आज बेटी होने पर गर्व महसूस होने की मानसिकता प्रबल हो गई है। शिवराज सरकार की केवल पांच योजनाओं ने बेटे की चाहत रखने वाले समाज मे बेटी की ख्वाहिश पैदा कर दी है जो किसी बड़े चमत्कार से कम नहीं।
शिवराज सरकार की इन्हीं पांच योजनाओं की बदौलत कल तक बेटा होने की रट लगाने वालों के मन मे बेटी ने जगह बना ली है। माता-पिता बेटियों को बोझ नहीं वरदान मानने लगे हैं। दरअसल, यह योजनाएं नहीं शिवराज सिंह चौहान की निष्ठा है जिसे उन्होंने ईमानदारी से निभाई हैं।
तो आइए इस मानसिकता में बदलाव की शुरुआत कहाँ से हुई जानते हैं।
मुख्यमंत्री शिवराज ने इसकी शुरुआत लाड़ली लक्ष्मी योजना से की।
इसके अंतर्गत घर मे जन्म लेने वाली बेटी के नाम पर सरकार एक लाख रुपए का बॉन्ड भरवाने लगी जो उसके 18 वर्ष के होते ही उसे मिलने लगे। सरकार ने बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ का नारा बुलंद किया। जो क्रांतिकारी बदलाव लाने में मददगार बनी।
बेटियों को स्कूल जाने के लिए सरकार ने उन्हें निःशुल्क साईकिल बांटी। ताकि वह पढाई से पीछे न रहे। बेटियों की भलाई के लिए सरकार ने
दूसरा कदम लाड़ली लक्ष्मी योजना 2.0 चलाकर की।
बेटियों के विवाह-निकाह के लिए शिवराज सरकार ने मुख्यमंत्री कन्यादान योजना शुरू की। सामूहिक विवाह के सम्पूर्ण खर्च से लेकर नव विवाहित जोड़ों की गृहस्थी से जुड़े सामान का खर्च सरकार ने उठाया। जिससे गरीब माता-पिता का बोझ हट गया। लाखों बेटियों के विवाह हो चुके हैं। बेटियों के साथ शिवराज सरकार ने बहनों को आत्मनिर्भरता और सम्मान से जीने के लिए लाड़ली बहना योजना की शुरुआत की। सरकारी आंकड़ों के अनुसार जिसका लाभ सवा करोड़ बहनों को हो रहा है यह आंकड़ा अभी और बढ़ जाएगा। खाते में सरकार सीधे हर बहन को एक हजार रुपये देने लगी है। जिससे परिवार में उनका सम्मान बढ़ गया है। पतियों की पत्नियों पर रौब झाड़ने की आदत घटने लगी है। छोटी छोटी निजी आवश्यकता के लिए बहन अब जीजा पर निर्भर नहीं है। बहन
बेटियों के बाद भाँजो की सुध शिवराज ने ली और विद्यार्थियों के लिए मुख्यमंत्री मेधावी छात्र योजना चलाई। इस योजना ने नीट, इंजीनियरिंग, जेईई आदि महंगे पाठ्यक्रमों की पढ़ाई का बोझ न उठा पाने वाले परिवारों की चिंताओं को समाप्त कर दिया। क्योंकि सरकार उनकी फीस का खर्च उठाने लग गई। लाखों विद्यार्थियों को इसका लाभ मिल रहा है। सामाजिक बदलाव के लिए पांचवा बड़ा कदम
सरकार ने हाल ही में बेरोजगारी की समस्या का हल खोजकर सीखो कमाओ योजना की शुरुआत कर उठाया है। जिसके अंतर्गत युवाओं को उनकी रूचि अनुसार रोजगारपरक प्रशिक्षण देकर कुशल बनाया जाएगा। इस अवधि में उन्हें सरकार स्टॉयफंड भी देगी। लाखों युवाओं को इसका लाभ मिलेगा। कुलमिलाकर मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने पंचनिष्ठ संकल्प की शक्ति से क्रांतिकारी परिवर्तन लाकर मध्यप्रदेश को देश के पटल पर नई पहचान दिलाई है, जो अभूतपूर्व है। पेशा हो चुकी राजनीति को सेवाभाव बनाना कठिन नहीं है बशर्ते जनप्रतिनिधि आत्मा की आवाज सुनकर नए बदलाव की नई लकीर खींचने का प्रयास करें। विगत 15 वर्षों में मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार ने सामाजिक बदलाव लाने के अनेक प्रयास किये हैं। पर्यावरण को बचाने के मामले में रोज एक पौधा रोपण अभियान शिवराज की प्रकृति के प्रति मानवीय जिम्मेदारी का परिचय देती है ।
(विजय शुक्ला दैनिक समाचार पत्र विजय मत के प्रधान सम्पादक एवं देश के जाने माने वरिष्ठ स्तम्भकार हैं) वे मध्यप्रदेश के कई बड़े समाचार पत्रों में सम्पादक रहे हैं।