ब्यौहारी में राहुल गांधी की विशाल जनसभा की तैयारियों में अजय सिंह ताबड़तोड़ जुटे
विजय मत डेस्क| कांग्रेस नेता राहुल गांधी के आठ अगस्त को प्रस्तावित विंध्य क्षेत्र की पवित्र नगरी ब्यौहारी आगमन खबर ने कांग्रेसियो के भीतर एक नई ऊर्जा भर दी है। कांग्रेसियों का उत्साह चरम पर है और वे दिन रात राहुल गांधी की सभा को सफल बनाने में जुट पड़े हैं। जनसभा को एतिहासिक बनाने की जिम्मेदारी में जुटे विंध्य क्षेत्र के दिग्गज नेता अजय सिंह राहुल ने ताबड़तोड़ तैयारी शुरू कर दी है। वे अभी तक कई बार ब्यौहारी जाकर पार्टी नेताओं, कार्यकर्ताओं से वार्तालाप कर चुके हैं। मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कमलनाथ ने विंध्य क्षेत्र का केन्द्र मानते हुए ब्यौहारी का चयन राहुल गांधी की सभा के लिए किया है । दरअसल, ब्यौहारी विन्ध्य की राजनीति का टर्निंग प्वाइंट हमेशा से ही रही है। रीवा,सतना,सीधी,सिंगरौली, शहडोल, अनूपपुर, उमरिया जिले से ब्यौहारी की सीमाएं जुड़ी हुई है लिहाजा आवागमन की दृष्टि से यह सभी जिलों से आने वालों के लिए सबसे सुगम और नजदीक है। रेलमार्ग और सड़क मार्ग की सुगमता ब्यौहारी को केन्द्र में रखती है। ब्यौहारी आदिवासी आरक्षित विधानसभा सीट है जहां वर्तमान में भाजपा का विधायक है। ब्यौहारी की राजनीति का सीधा प्रभाव इससे लगी जयसिंहनगर, जैतपुर, मानपुर, उमरिया, रामनगर, धौहनी, बांधवगढ़,चुरहट समेत नौ विधानसभाओं पर पड़ता है तो सीधी, शहडोल लोकसभा क्षेत्र की सबसे बड़ी विधानसभा होने के कारण भी ब्यौहारी की अपनी महत्ता है। ब्यौहारी के लोगों का इन नौ विधानसभा क्षेत्र के लोगों से व्यापारिक, सामाजिक, व्यवहारिक, पारम्परिक रूप से भी परस्पर गहरा रिश्ता है। खास बात यह रही है कि आरक्षित होने से पहले ब्यौहारी विधानसभा सीट पर करीब 30 साल तक कांग्रेस का इकतरफा कब्जा रहा है। आरक्षण के बाद हुए तीन चुनावों में दो बार भाजपा जबकि एक बार कांग्रेस यहां जीती है। ब्यौहारी में राहुल गांधी की सभा के जरिये कांग्रेस प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शहडोल सभा का जवाब देना चाहती है। लेकिन विशेष बात यह है कि प्रधानमंत्री को शहडोल लाकर भाजपा ने जनजातीय समुदाय को साधने की कोशिश की जबकि कांग्रेस जनजातीय समुदाय के साथ विंध्य क्षेत्र की राजनीति की दिशा और दशा तय करने वाले सवर्ण वोटरों को भी रिझाना चाहती है जो इनदिनों सीधी पेशाब कांड की घटना से आहत चल रहा है। पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह को कमलनाथ ने कार्यक्रम को सफल बनाने की जिम्मेदारी सौंपी है। जिनके पास काफी अनुभव है। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी एक जुलाई को शहडोल आए थे जबकि उनसे पहले मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार की मेजबानी पर राष्ट्रपति का कार्यक्रम भी शहडोल में कराया गया जिससे जनजातीय समुदाय एकजुट किया जा सके। विधानसभा चुनाव को करीब तीन महीने शेष रह गए हैं इसलिए सभी राजनीतिक दलों ने अपने मोर्चे की जमावट तेज कर दी है। कांग्रेस को भरोसा है कि राहुल गांधी की ब्यौहारी में होने वाली सभा का उसे विन्ध्य क्षेत्र में लाभ मिलेगा। दावा किया जा रहा है कि राहुल गांधी की सभा मे पांच लाख लोग जुटेंगे। सूत्रों का कहना है कि ब्यौहारी आगमन पर राहुल गांधी पहले हनुमानजी की पूजा अर्चना करेंगे फिर चुनावी सभा मे शामिल होंगे। हालांकि ब्यौहारी के पुजारियों का कहना है कि राहुल को माँ लोढ़ाधार का आशीर्वाद अवश्य लेना चाहिए।
सोनिया-आडवाणी भी कर चुके हैं ब्यौहारी में सभा-
मध्यप्रदेश की राजनीति में ब्यौहारी का महत्व भाजपा और कांग्रेस दोनों के लिए खास रहा है। यही कारण है कि जब भी कोई चुनाव हुए ब्यौहारी में दिग्गज नेताओं की चुनावी सभाएं कराई गईं। भाजपा की ओर से अटलबिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी, प्रमोद महाजन,सुषमा स्वराज,अरुण जेटली यहां सभाएं कर चुके हैं तो कांग्रेस प्रमुख रहीं श्रीमती सोनिया गांधी यहां चुनावी सभा कर चुकी हैं। देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरु, राममनोहर लोहिया, पूर्व प्रधानमंत्री चन्द्रशेखर, मुलायम सिंह यादव, लालू यादव ,शरद यादव जैसे दिग्गज नेता यहां रैलियां कर चुके हैं। यानी ब्यौहारी पर सबकी नजर रही है। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने ब्यौहारी को गोद तक ले रखा है। कहा जाता है जिस दल ने ब्यौहारी विधानसभा जीती मप्र में अधिकांश बार उसी की सरकार बनती है। पर्यटन, प्रकृति, पौराणिक मान्यता के अनुसार ब्यौहारी का साहित्यिक वर्णन है। यह ऋषि मुनियों की तपोभूमि मानी जाती है। यहां प्राचीन लोढ़ाधार माता और चिपढ़नाथ हनुमान का मंदिर है जिनके दर्शन से मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
मुख्यमंत्री के वादे गिनाएगी कांग्रेस- कांग्रेस पार्टी ने ब्यौहारी को लेकर मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान द्वारा की गई उन घोषणाओं की लिस्ट बनानी शुरू कर दी है जो आज तक अधूरी हैं। उदाहरण के तौर पर ब्यौहारी शासकीय महाविद्यालय में अभी तक एमएससी, एमकॉम जैसे पाठ्यक्रम शुरू नहीं हुए। नगर पालिका की घोषणा मूर्तरूप नहीं ले पाई। बाणसागर में कन्या महाविद्यालय की घोषणा अधूरी है। सुव्यवस्थित बस स्टैंड नहीं बना। इससे बढ़कर बहुप्रतीक्षित बायपास सड़क निर्माण । बायपास के साथ ब्यौहारी को जिले का दर्जा नहीं मिला जिसकी प्रत्येक जन की मांग लंबे समय से है। कांग्रेस चाहे तो ब्यौहारी को जिले का दर्जा देने का वादा कर चुनावी मैदान मार सकती है। ब्यौहारी में कोई उद्योग स्थापित न होने से बेरोजगार पलायन करते हैं।