भोपाल-नागपुर नेशनल हाईवे घोटाले की भेंट चढ़ा
कुछ साल पहले बने राजमार्ग के घटिया निर्माण ने खोली गडकरी के दावों की पोल
विजय मत, भोपाल।
कुछ ही वर्ष पहले बने भोपाल - बैतूल -नागपुर राष्ट्रीय राजमार्ग की हालत खराब होने से यात्रियों की जान का खतरा बढ़ गया है। इस फोरलेन सड़क में जानलेवा बड़ी बड़ी दरारें पड़ गई हैं । लगभग 2600 करोड़ रुपये खर्च करने के बावजूद इस राजमार्ग की हालत गंभीर रूप ले चुका है। निर्माण कार्य की गुणवत्ता बिल्कुल घटिया स्तर पर किया गया है। इस बात की गवाही दूर-दूर तक पड़ी हुई दरारें चिल्ला चिल्ला कर दे रहीं हैं। भोपाल , होशंगाबाद, बैतूल, सावनेर से होते हुए नागपुर तक कहीं ऐसा नहीं देखने को मिला जहां सड़क के परखच्चे न उड़े हों। पूरे राजमार्ग की स्थिति को देखकर ऐसा लगता है कि निर्माण कार्य भ्रष्टाचार में जमकर भ्रष्टाचार हुआ है। घोटालों की परतें उखड़ गईं हैं, दरारों से भ्रष्टाचार की कहानी अपने आप बाहर निकल रही है। केन्द्र सरकार की महत्वाकांक्षी भारतमाला परियोजना का हश्र सरकार और निर्माता कम्पनी के दावों की हकीकत बयां कर रहा है। फोरलेन सड़क कराह रही है न्याय के लिए ...गुनहगारों को सज़ा दिलाने के लिए।
जहां देखो वहां कांक्रीट की दरारों को भरने के लिए डामर भरा गया है। पूरे मार्ग में जगह-जगह डामर के पैच लगाए गए हैं। ठीक वैसे जैसे फटी हुई कमीज पर पैजेब लगाए जाते हैं।
राजमार्ग प्रोजेक्ट केवल कांक्रीट से होना था। यहां प्रश्न उठता है कि वर्तमान में दिखाई दे रही राजमार्ग की स्थिति क्या केंद्रीय राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी के दावों से मेल खाती है ? जनता के टैक्स से सरकारी खजाना जुड़ता है और उसी टैक्स से इंफ्रास्ट्रक्चर कार्य किये जाते हैं। मज़ेदार बात यह भी है कि राजमार्ग की खटिया खड़ी हो गई है फिर भी वाहनों से टैक्स पूरा वसूला जाता है। गौरतलब है कि नितिन गडकरी ने एक बार कहा था- यदि जनता को अच्छी सड़कें चाहिए तो टोल टैक्स भरना पड़ेगा। उन्होंने यह बात खराब सड़कों के लिए नहीं कही थी।
भोपाल से बैतूल- नागपुर राजमार्ग 46 एवं 47 पर हुई दरारों की साइज कहीं पर तो इतनी बड़ी है कि हाथी का पांव भी उसमें फंसकर टूट सकता है। सोचिए, दो पहिया और चार पहिया वाहनों पर सवार लोगों की ज़िंदगी इस राजमार्ग पर कितनी सुरक्षित है?
भ्रष्टाचार की दरारों को भरने से वह नहीं छिपेगा। केन्द्र और राज्य में भाजपा की सरकार है इसलिए जन प्रतिनिधियों को चाहिए कि वे राजमार्ग निर्माण घोटाले पर संसद में प्रश्न पूछने की हिम्मत करें। जनता की परेशानियों पर सरकार का ध्यान खींचें। नितिन गडकरी के नेतृत्व में देशभर में एक्सप्रेस वे ,राजमार्गों का जाल बिछाया गया है। क्रांतिकारी बदलाव आए हैं। सड़कों से परिवहन सेवा में तेजी से उल्लेखनीय प्रगति हुई है। इससे इकॉनमी भी बढ़ी है, लोगों को रोजगार मिले परन्तु निर्माण कार्य मे बरती गई गड़बड़ियों से यह सब छिनने में कितना वक्त लगेगा ? राजमार्ग पर दिन और रात में मवेशियों का जमावड़ा लगा रहता है। इससे दुर्घटनाओं की आशंका बढ़ गई है। कल को कोई मवेशी ट्रक से टकरा गया तो गौसेवकों के गुस्से का बेवजह शिकार होंगे।