उज्जैन ।   इस महाशिवरात्रि (18 फरवरी) पर मोक्षदायिनी शिप्रा नदी किनारे 21 लाख दीप एक साथ प्रज्वलित करने का विश्व रिकार्ड बनाया जाएगा। कार्यक्रम शिव ज्योति अर्पणम् महोत्सव नाम से होगा, जिसमें मुख्यमंत्री सहित कई जानी - मानी हस्तियां शामिल होंगी। कार्यक्रम की तैयारी स्वरूप नगर निगम ने 50 हजार लीटर तेल और 25 लाख रूई की बाती, मोमबत्ती, कपूर खरीदने को निविदा आमंत्रित की है। महापौर मुकेश टटवाल ने कहा है कि सभी दीप एक साथ, एक निर्धारित समय में रामघाट, दत्त अखाड़ा घाट, सुनहरी घाट पर प्रज्वलित किए जाएंगे। इसी दिन संपूर्ण शहर में भी दीप प्रज्वलित कर शिव दीपावली मनाने को आह्वान किया जाएगा। शिव ज्योति अर्पणम् शहर की उत्कृष्टता, प्रतिभा और एकजुट भागीदारी का उत्सव है। इसके माध्यम से उज्जैन को विश्व मंच पर स्थापित किया जाएगा। क्षिप्रा घाटों के साथ शहर के सभी मंदिरों, सार्वजनिक स्थलों और शासकीय परिसरों तथा शहरवासियों द्वारा अपने-अपने घरों, प्रतिष्ठानों पर दीप जलाए जाएंगे। शिव ज्योति अर्पणम् में शहर के प्रत्येक नागरिक की भागीदारी रहेगी। संपूर्ण शहर को विद्युत रोशनी करते हुए सजाया जाएगा।

गत वर्ष 11 लाख 71078 दीये प्रज्वलित किए थे

शिप्रा नदी के किनारे पिछले वर्ष महाशिवरात्रि (1 मार्च 2022) पर सूरज ढलते ही एक साथ 11 लाख 71 हजार 78 दीये प्रज्वलित कर कीर्तिमान बनाया था। गिनिज बुक आफ वर्ल्ड रिकार्ड की टीम ने इसे दीपों का सबसे बड़ा प्रदर्शन (लार्जेस्ट डिस्प्ले आफ आयल लैम्प) करार दिया था। विश्व रिकार्ड बनने का प्रमाण पत्र मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान को प्रदान किया। इसके बाद आतिशबाजी कर शिप्रा आरती की गई थी।

अभी अयोध्या के नाम विश्व रिकार्ड

वर्तमान में दीपों के सबसे बड़े प्रदर्शन का रिकॉर्ड अयोध्या के नाम है। 23 अक्टूबर 2022 को वहां 15 लाख 76 हजार दीप एक साथ जलाने का रिकार्ड अंकित हुआ था। इससे उज्जैन में बना रिकार्ड टूट गया था। अब अयोध्या का रिकार्ड उज्जैन में तोड़े जाने की तैयारी है।

महाशिवरात्री से विक्रमोत्सव की शुरुआत

उज्जैन में अगले महाशिवरात्रि 18 फरवरी से लेकर वर्ष प्रतिपदा 22 मार्च 2023 तक विक्रमोत्सव होगा। अलग-अलग तारीखों पर साहित्यिक, सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे। विविध प्रदर्शनियां, हस्त शिल्प मेला, नाट्य प्रस्तुतियां, पुस्तक मेला, मंदिरों का शृंगार, भजन मंडलियों के बीच प्रतियोगिता होगी। अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोह, राष्ट्रीय वेद समागम, वृहत्तर भारत की संस्कृति, साहित्य एवं पुरातत्व पर केंद्रीत राष्ट्रीय संगोष्ठी, कवि सम्मेलन, राष्ट्रीय युवा विज्ञान महोत्सव, विक्रमादित्य वैदिक घड़ी की स्थापना, विक्रम पंचांग का प्रकाशन, वेद अंताक्षरी सहित भारत एवं दुनिया के अनेक देशों की सांस्कृतिक प्रस्तुतियां होंगी। गुड़ी पड़वा की पूर्व संध्या पर रामघाट और दत्त अखाड़ा घाट के बीच बनाए जाने वाले सांस्कृतिक मंच से प्रस्तुति देने इस वर्ष पार्श्व गायक श्रेया घोषाल आएंगी।