रतलाम ।    रतलाम की मुमुक्षु भव्यता गांधी गुरुवार को दाहोद में साध्वीश्री भव्यता बन गईं। मुमुक्षु को विधिपूर्वक दीक्षा अंगीकार करवाकर रजोहरण प्रदान करते हुए आचार्य उमेशमुनिजी के सुशिष्य, धर्मदास गणनायक प्रवर्तक जिनेंद्रमुनि ने कहा कि यह कर्म रज को दूर करने वाला धर्म ध्वज हैं। संयम का दृढ़ता से पालन करना और आप भी गुणों के पात्र बनना।दीक्षा महोत्सव का प्रारंभ नवकार महामंत्र से हुआ। अणुवत्स संयतमुनि, संघहित चिंतक तत्वज्ञ धर्मेंद्रमुनि, रोचक वक्ता संदीपमुनि आदि ठाणा 17, साध्वी मधुबाला, मुक्तिप्रभा, प्रेमलता, संयमप्रभा, पुण्यशीला, अनुपमशीला आदि ठाणा 28 सहित 45 चारित्र आत्माओं का सान्निध्य मिला। श्री धर्मदास जैन श्रीसंघ रतलाम के अध्यक्ष अशोक चतुर व प्रचार सचिव ललित कोठारी ने बताया कि रतलाम श्रीसंघ सहित जिलेभर के श्रीसंघ से भी बड़ी संख्या में श्रावक–श्राविकाएं व बच्चे दीक्षा महोत्सव में शामिल होने गुजरात के दाहोद पहुंचे। प्रवर्तक जिनेंद्रमुनिजी का 36वां दीक्षा दिवस भी था।

वर्षीदान लेने की होड़ मची

तीन दिवसीय दीक्षा महोत्सव के अंतर्गत प्रथम दिन केसर, संयम की हल्दी, संयम की मेहंदी, चौबीसी स्तुति, भक्ति संध्या व अन्य प्रस्तुति हुई। दूसरे दिन संयम का चाक के बाद शोभायात्रा व वर्षीदान यात्रा निकाली गई। मुमुक्षु के हाथों से वर्षीदान लेने की होड़ देखने को मिली।

बड़ी दीक्षा लीमखेड़ा में होगी

प्रवर्तकश्री ने नवदीक्षिता साध्वी भव्यता की बड़ी दीक्षा छह फरवरी को गुजरात के लीमखेड़ा में करने की घोषणा की।

बीबीए तक शिक्षित

व्यवसायी नरेंद्र गांधी व गृहिणी सपना गांधी की पुत्री मुमुक्षु भव्यता ने बीबीए तक शिक्षा ग्रहण की है। परिवार में बड़े भाई दीक्षा ग्रहण कर सुहास मुनि बने हैं। बहन ईशा का विवाह हो चुका है।