जबलपुर के खिलाफ 124 नाबाद, सागर के खिलाफ 135 नाबाद के बाद रेस्ट ऑफ एमपी टीम ए के खिलाफ जड़ी 126 रनो की नाबाद पारी 

विजय मत, भोपाल/शहडोल।

क्रिकेट की दुनिया मे प्रतिस्पर्धा चाहे जितनी कड़ी हो गई है लेकिन यदि कोई खिलाड़ी ईमानदारी,लगन और परिश्रम से कुछ पाने की ठान ले तो उसे लक्ष्य हासिल होकर रहता है। उस खिलाड़ी की इस सफलता के पीछे एक छोर पर माता-पिता होते हैं वहीँ केंद्र में होता है उसका गुरु । वह गुरु जो साये की तरह हर समय अपने शिष्य को श्रेष्ठ बनाने के कार्य मे दिन रात खुद भी तपता है और शिष्य को भी तपाता है। गुरु-शिष्य से जुड़ी आज ऐसी ही एक कहानी आपको बताने जा रहे हैं ,जिसकी चर्चा अब जमाने मे शुरू हो गई है। 13 साल के एक क्रिकेट खिलाड़ी अर्जुन शुक्ला ने गुरु द्वारा बताए गए एक मंत्र को अपने दिलो दिमाग पर कुछ ऐसा बिठाया कि एक एक कर नए रिकॉर्ड बनते चले गए।  मध्यप्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन के द्वारा चल रही राजसिंह डूंगरपुर अंडर 13   ट्रॉफी के अंतर्गत रेस्ट ऑफ एमपी चयन प्रक्रिया इनदिनों उज्जैन में हो रही है। जिसमें अर्जुन शुक्ला ने 126 नाबाद रनों की पारी खेली है। आप कहेंगे यह कौन सी बड़ी बात है। तो जान लीजिये 13 साल के इस खिलाड़ी ने  यह कारनामा लगातार तीसरी बार किया है। अंडर 13 डिवीजन क्रिकेट टूर्नामेंट में सबसे पहला नाबाद शतक जबलपुर के विरुद्ध जड़ने के बाद अगले ही मैच में सागर संभाग के खिलाफ एक और नाबाद शतक जड़कर अर्जुन ने प्रदर्शन को दोहराया। पहले मैच में 124 नाबाद और दूसरे में 135 नाबाद के बाद तीसरे मैच में अर्जुन ने 125 नाबाद रनों की पारी खेलकर कमाल दिखाया। यह शतक अर्जुन ने शहडोल डिवीजन के बतौर खिलाड़ी जड़े ।  दरअसल, अर्जुन की इन नाबाद पारियों के पीछे उनके कोच सुरेश चेनानी हैं। जिन्होंने अर्जुन को नॉट आउट रहकर मैच खेलने का मंत्र और ज्ञान दिया था। जिसे अर्जुन ने अक्षरसः निभाकर दिखाया है। अर्जुन शहडोल डिवीजन की ओर से खेलते हैं। जबकि भोपाल की अरेरा क्रिकेट एकेडमी के मुख्य कोच सुरेश चेनानी से प्रशिक्षण ले रहे हैं।  गौरतलब है कि यह वही एकेडमी है जिसने भारतीय क्रिकेट को कई बड़े नाम दिए हैं। मोहनीश मिश्रा,अजितेश अर्गल अंडर 19 इंडिया वर्ल्ड कप खेल चुके हैं। हाल ही में यही अंडर 19 वर्ल्ड कप सौम्या तिवारी ने खेलकर गौरवान्वित किया है। महाभारत के अर्जुन की भांति इस 13 साल के अर्जुन की दृष्टि अपने लक्ष्य पर फोकस्ड है। उनकी इस तीसरे नाबाद शतकीय पारी से कोच सुरेश चेनानी गदगद हैं तो  शहडोल डिवीजन के अध्यक्ष सुनील खरे ,उपाध्यक्ष धीरेश दीक्षित,सचिव अजय द्विवेदी और हेड कोच नीटू श्रीवास्तव बेहद खुश हैं। मुख्य प्रशिक्षिक चेनानी कहते हैं गुरु का काम शिष्य को ज्ञान देना या मार्ग बताना होता है बाकी काम तो शिष्य करता है। मुझे खुशी है कि अर्जुन को मेरी बातें अच्छे से याद हैं।  अर्जुन इंडियन क्रिकेटर  विराट कोहली से बहुत प्रभावित हैं। बता दें अर्जुन के बड़े भाई प्रतीक भी क्रिकेटर हैं। वह अंडर 16 विजय मर्चेंट ट्रॉफी हाल ही में खेलकर आए हैं। दोनो अरेरा एकेडमी में ही कोच सुरेश चेनानी से क्रिकेट सीख रहे हैं। 

सिर्फ सोने घर जाते हैं अर्जुन बाकी फुल टाइम मैदान पर-

अर्जुन की इस सफलता में उनकी अथक मेहनत है। सुबह साढ़े पांच बजे क्रिकेट मैदान पर आने के बाद वे बड़ी मुश्किल से खाना खाने को घर जाते हैं और दोपहर ढाई बजे से लेकर रात 8 बजे तक केवल प्रेक्टिस करते रहते हैं। भोपाल के विंध्याचल एकेडमी की कक्षा आठवीं में पढ़ते हैं। स्कूल ने भी उन्हें खेलने के लिए खूब प्रोत्साहित किया है। बस्ते,होमवर्क, एक्जाम का कोई प्रेशर उन्हें नहीं रहता। रोजाना लगभग 14 घंटे मैदान पर बिताने वाले अर्जुन कहते हैं उनके कोच सर से उन्हें जैसा खेलने को बोला है बस उसी पर फोकस रहता हूँ और कुछ नहीं सोचता। अर्जुन खेल के अलावा दिमाग से भी तेज हैं। उनके दिमाग से प्रभावित होकर ही महान ऑल राउंडर जोंटी रोडस अपनी ऑटोग्राफट कैप उन्हें दे चुके हैं। 

न्यूज़ सोर्स : एजेंसी