नई दिल्ली । दिल्ली शराब घोटाला मामले में जेल में बंद दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर आज फैसला नहीं हो सका। सुप्रीम कोर्ट ने अब इस मामले को सुने जाने के लिए 12 अक्टूबर की तारीख दी है। इसमें ईडी की ओर से दलीलें सुनी जाएंगी। इससे पहले मामले की जिरह के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने ईडी पर कई सवाल उठाए। जस्टिस संजीव खन्ना ने पूछा कि आखिर सरकारी गवाह की बात पर कैसे भरोसा करेंगे। दिल्ली शराब घोटाला मामले में दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया जेल में है, उन्हें इसी साल फरवरी में ईडी की ओर से गिरफ्तार किया गया था। एक दिन पहले ही उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने ईडी से सवाल किया था कि जब फायदा राजनीतिक दल को पहुंचा तो उसे आरोपी क्यों नहीं बनाया गया। जवाब देने के लिए एक दिन वक्त दिया गया था। गुरुवार को जब मामले की सुनवाई शुरू हुई तो एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट ने ईडी पर कई सवाल उठाए। सिसोदिया के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने दलीलें दीं, उन्होंने सीबीआई और ईडी की ओर से दर्ज केस में हुई कई गिरफ्तारियों और उनमें से कुछ आरोपियों को मिली जमानत का ब्योरा दिया। इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने ईडी से सवाल किया कि अगर मनी ट्रेल में मनीष सिसोदिया की भूमिका नहीं है तो फिर मनी लॉंड्रिंग में उन्हें आरोपी क्यों बनाया गया? सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि क्या एजेंसी ने सरकारी गवाह और मनीष सिसोदिया के बीच चर्चा देखी थी? क्या सरकारी गवाह का बयान कानून में स्वीकार्य होगा? कोर्ट ने यह भी पूछा कि क्या ये कही-सुनी बात नहीं है?, सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा कि सब कुछ सबूतों पर आधारित होना चाहिए, वरना जिरह में ये केस दो मिनट में ही गिर जाएगा