वनडे वर्ल्ड कप में धमाकेदार प्रदर्शन करने वाले स्टार तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी चोटिल होने के चलते टीम इंडिया से बाहर चल रहे हैं. विश्व कप के बाद से शमी अभी तक इंटरनेशनल क्रिकेट नहीं खेले हैं. हालांकि, आज का दिन शमी के लिए बेहद खास है. दरअसल, 33 साल के शमी को आज (मंगलवार) देश के दूसरे सबसे बड़े खेल सम्मान अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. इस मौके पर उन्होंने अपनी फिटनेस और वापसी को लेकर बात की है. 

टखने की चोट से उबर रहे भारत के स्टार तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी ने कहा है कि इंग्लैंड के खिलाफ आगामी घरेलू टेस्ट सीरीज को ध्यान में रखते हुए उनकी नजरें फिटनेस के शीर्ष स्तर को हासिल करने पर टिकी हैं. विश्व कप के सात मैचों में 24 विकेट लेने वाले शमी ने मीडिया से बातचीत में कहा, मेरा लक्ष्य जहां तक संभव हो खुद को फिट रखना है, क्योंकि अगले दो टूर्नामेंट और सीरीज बड़ी हैं. मैं फिटनेस पर ध्यान दूंगा. 

उन्होंने आगे कहा, "मेरे कौशल (स्किल) को लेकर कोई चिंता नहीं है, क्योंकि मेरा मानना है कि अगर मैं अपनी फिटनेस बनाए रखता हूं तो कौशल मैदान पर अपने आप दिखेगा. अभी बैंगलोर में राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (एनसीए) में रिहैबिलिटेशन से गुजर रहे शमी भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) की चिकित्सा टीम द्वारा मंजूरी नहीं दिए जाने के बाद हाल ही में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ सीरीज में नहीं खेल पाए थे."

इंग्लैंड के खिलाफ पांच टेस्ट मैचों की सीरीज 25 जनवरी से शुरू हो रही है. शमी की नजरें इस सीरीज से टीम इंडिया में वापसी करने पर हैं. अपने करियर में अब तक 64 टेस्ट मैच में 229 विकेट लेने वाले इस तेज गेंदबाज ने अर्जुन अवार्ड मिलने पर कहा, "यह सपने के सच होने जैसा है, यह मेरे जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धि है, मेरी कड़ी मेहनत का फल है. कोई भी आपकी किस्मत नहीं बदल सकता. अगर नियति ने कुछ भी तय कर दिया है, तो वह होकर ही रहेगा. व्यक्ति को अपनी मेहनत जारी रखनी चाहिए और उसका फल अवश्य मिलेगा."