रांची के चुटिया स्थित सुरेश्वरधाम में शिवलिंग की स्थापना की गई. इस मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा काशी के पुरोहितों द्वारा की गयी है. इस शिवलिंग की ऊंचाई 108 फीट है. बता दें कि कर्नाटक के कौटिल्य लिंगेश्वर मंदिर में जो शिवलिंग है उसकी ऊंचाई भी 108 फीट ही है. कर्नाटक के मंदिर की तर्ज पर ही रांची में भी भव्य शिवलिंग की स्थापना की गयी है. कहा जाता है कि यहां पर जोड़ा साथ में मन्नत मंगता है तो उसकी मन्नत जरूर पूरी होती है.
रांची के नामकोम स्थित मराशिलि पहाड़ है. इसे शिव धाम के नाम से भी जाना जाता है. दरअसल, इस पहाड़ के ऊपर शिव भगवान का स्वम्भू मौजूद है. यहां पर मन्नत मांगने के लिए महिलाएं दूर-दूर से आती है. सिर्फ रांची नहीं बल्कि बंगाल, छत्तीसगढ़ और यूपी तक के लोग यहां पर माथा टेकने आते हैं. यहां पर लोगों की गहरी आस्था है और कई लोगों की मन्नत मात्र 6 महीने के अंदर ही पूरी हो गई है.
शिव मंदिर की बात हो और रांची के पहाड़ी मंदिर की बात ना हो ऐसा हो ही नहीं सकता. यह रांची का सबसे पुराना शिव मंदिर है. कहा जाता है कि इस पहाड़ पर कभी अंग्रेज क्रांतिकारियों को फांसी पर लटकाया करते थे. आज यहां पर भोलेनाथ का सबसे पुराना शिवलिंग है और महाशिवरात्रि पर यहां का नजारा देखते ही बनता है. यहां पर दंपति धागा बांधकर 7 जन्म तक साथ रहने की मन्नत मांगते हैं
रांची से 40 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है अंगराबड़ी शिव मंदिर. कहा जाता है कि इसे एक दंपति ने बनवाया था. यहां पर लोगों की बहुत ही गहरी आस्था है. खासकर पति की लंबी आयु के लिए महिलाएं यहां मन्नत मांगती हैं और कहा जाता है कि यहां पर हर मन्नत पूरी होती है. खासकर महाशिवरात्रि के मौके पर यहां लोगों का जमावड़ा लगा रहता है.