छोटा कैलाश की तरह..छोटा अमरनाथ भी, दर्शन करने के लिए इन पहाड़ों पर आना पड़ेगा, जंगल के बीच से रास्ता
खरगोन में विंध्याचल पर्वत के बीच बसे छोटा अमरनाथ क्षेत्र में महादेव खोदरा के नाम से भी प्रसिद्ध है. बर्फानी बाबा की तरह यहां भी पहाड़ी की चढ़ाई और घने जंगल के बीच से होकर गुजरना पड़ता है.
भगवान शिव का यह रहस्यमय स्थल पर्वत की चोटी से लगभग 2,000 फीट नीचे, पहाड़ी के बिलकुल बीचोंबीच है. गुफा के अंदर भगवान शिव, अपने पूरे परिवार के साथ मौजूद है. गुफा के अंदर सबसे पहले नाग नागिन के जोड़े के दर्शन होते हैं.
यहां अमरनाथ की तरह दिखने वाली प्राचीन गुफा में स्थापित शिवलिंग लोगों की आस्था का केंद्र बिंदु है. साथ ही यहां पेड़-पौधे और ऊंचे पहाड़ों से बहते झरने भी लोगों को आकर्षित करते हैं. यहां प्रकृति खुद शिव का अभिषेक करती है.
यहां से जुड़ी मान्यताओं के चलते हर साल हजारों श्रद्धालु आस्था के साथ आते हैं, जिन्हें दर्शन के साथ एडवेंचर का भी भरपूर मजा यहां मिल जाता है. कहते हैं कि हर सुबह यहां भगवान को ताजे फूल चढ़े मिलते हैं.
पहले यहां पहुंचने का कोई उचित मार्ग नहीं था. लोग पेड़ों पर बने चिन्हों को देख गुफा तक पहुंचते थे, लेकिन अब गूगल मैप से भी पहुंच पाना आसान हो गया है. हालांकि, रास्ता पगडंडियों वाला ही है, जो जंगल से गुजरता है.
यहां पहुंचने के लिए दो मार्ग है. पहला इंदौर से महू और यहां से करीब 30 km दूर गांव, बड़ी जाम जाना पड़ता है. यहां से नीचे गुफा तक जाने के लिए सीढ़ियां बनी हुई हैं. यह एक सरल मार्ग भी है.
जबकि, दूसरा रास्ता जंगल के बीच से होकर गुजरता है. खरगोन मुख्यालय से मंडलेश्वर, फिर करही से 10 km दूर गांव रोशियाबारी तक सड़क मार्ग है. इसके बाद 4 km पैदल पहाड़ चढ़ना पड़ता है. पूरा रास्ता पथरीला लेकिन रोमांच से भरा है.