रामा के पास से 16 किलो हेरोइन व इंदल के पास से एक किलो हेराइन वर्ष 2014 में बरामद हुई थी। रामा के कम से कम 25 परिवार के सदस्यों व रिश्तेदारों के खिलाफ नशीले पदार्थ की तस्करी का मामला दर्ज हैं। उसे पहली बार 1986 में गिरफ्तार किया गया था।

अदालत ने हेरोइन रखने के आरोप में एक 80 वर्षीय महिला रामौतार उर्फ रामा को 17 साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई। साथ ही ढाई लाख रुपये का आर्थिक दंड भी लगाया है। वहीं, मामले में दूसरे अभियुक्त इंदल कुमार को 10 साल सश्रम कारावास व एक लाख रुपये का जुर्माना किया है। दोनों को पांच-पांच हजार रुपये मुकदमे का खर्च भी देने का निर्देश दिया है।

रामा के पास से 16 किलो हेरोइन व इंदल के पास से एक किलो हेराइन वर्ष 2014 में बरामद हुई थी। रामा के कम से कम 25 परिवार के सदस्यों व रिश्तेदारों के खिलाफ नशीले पदार्थ की तस्करी का मामला दर्ज हैं। उसे पहली बार 1986 में गिरफ्तार किया गया था।

तीस हजारी कोर्ट के विशेष न्यायाधीश देवेन्द्र कुमार शर्मा ने दोनों को सजा देते हुए कहा कि वैसे तो अभियुक्तों को सुधरने और अपने गलती का अहसास होने का मौका देने की बात कही जाती है, लेकिन उस लक्ष्य को हासिल करना अभी दूर है। उन्होंने कहा कि हत्या करने वाला एक या दो लोगों को मारता है, लेकिन नशीले पदार्थ बेचने वाले कई लोगों को मौत के मुंह में जाने को विवश करते हैं। इस दशा में उन्हें कठोर सजा देने की जरूरत है।

अदालत ने दोनों को 3 मार्च को दोषी ठहराया था और 29 मार्च को सजा सुनाई है। दोनों अभियुक्तों को अप्रैल 2014 में गिरफ्तार किया था। रामा को 23 अप्रैल को तिलक नगर क्षेत्र में मदर डेयरी बूथ के पास से गिरफ्तार किया गया था और इंदल को बाद में गिरफ्तार किया गया था।