नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट के फैसलों की प्रति अब जल्द ही हिंदी सहित देश की अन्य भाषा में उपलब्ध कराई जाएगी। देश के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड ने शनिवार को बार काउंसिल ऑफ महाराष्ट्र एंड गोवा (बीसीएमजी) की ओर से मुंबई के दादर स्थित योगी सभागृह में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान यह घोषणा की। मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि देश के अंतिम व्यक्ति को सस्ते में व तेजी से न्याय मिले, इसके हरसंभव प्रयास किए जाएंगे। जब तक हमारे देश के नागरिक को उस भाषा में अदालत के फैसले की जानकारी नहीं मिलेगी जिस भाषा को वह समझता है तब तक न्याय व्यवस्था की सार्थकता साबित नहीं होगी। 

उन्होंने कहा कि न्यायालय में तकनीक की मदद से व्यापक बदलाव लाया जा सकता है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से सुप्रीम कोर्ट के फैसले हर भाषा में उपलब्ध कराने की दिशा में कार्य शुरु है। व्यवस्था को व्यक्ति के लिए बनाया गया है। इसलिए व्यवस्था व्यक्ति के ऊपर नहीं हो सकती है। मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ ने अदालत की कार्यवाही के सीधे प्रसारण पर भी जोर दिया और कहा, मेरा मिशन है कि न्यायालय कागज रहित और तकनीक सुगम बने। उन्होंने न्यायपालिका में महिलाओं की हिस्सेदारी बढ़ने की सराहना करते हुए युवा व नए वकीलों को ज्यादा अवसर देने पर जोर दिया। कहा कि मैं रोजाना आधे घंटे युवा वकीलों को सुनता हूं। इससे देश की नब्ज की जानकारी मिलती है। 

कार्यक्रम में सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश बीआर गवई व बॉम्बे हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश एसवी गंगापुरवाला ने मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ के न्यायिक विवेक की प्रशंसा की। वहीं, एडिशनल सॉलिसिटर जनरल अनिल सिंह ने मुख्य न्यायाधीश के कानूनी पेशे के सफर का परिचय दिया। कार्यक्रम में बार काउंसिल आफ इंडिया के चेयरमैन मनन कुमार मिश्रा, हाईकोर्ट के मौजूदा व पूर्व न्यायमूर्तियों के अलावा बार काउंसिल ऑफ महाराष्ट्र एंड गोवा के चेयरमैन मिलिंग थोबड़े, बीसीएमजी के सचिव प्रवीण रणपिसे सहित बड़ी संख्या में वकील उपस्थित थे।