इंदौर ।  चूल्हा भभकने से हुई मौत के मामले में जिला उपभोक्ता आयोग ने गैस कंपनी इंडियन आयल कार्पोरेशन को मृतक की पत्नी को आठ लाख रुपये मुआवजा देने के आदेश दिए हैं। इंदौर के न्यू गौरी नगर निवासी अजय जैन 25 मई 2020 को चूल्हा भभकने से झुलस गए थे। उन्हें तुरंत पहले एमवाय अस्पताल और फिर बाम्बे अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन उनकी जान नहीं बच सकी। उपचार के दौरान 11 जून 2020 को उनकी मृत्यु हो गई। मृतक की पत्नी अंजना जैन ने इंडियन आयल कार्पोरेशन और पिहू गैस एजेंसी के खिलाफ जिला उपभोक्ता आयोग में मुआवजा राशि दिलाने के लिए परिवाद प्रस्तुत किया था।

10 हजार रुपये परिवाद व्यय भी देना होगा

आयोग के अध्यक्ष बीके पालोदा और सदस्य कुंदन सिंह चौहान व साधना शर्मा ने फैसला सुनाते हुए मृतक के स्वजन को आठ लाख रुपये बतौर मुआवजा और एक लाख रुपये मानसिक संत्रास के बतौर हर्जाना अदा करने के आदेश दिए। इसके अलावा 10 हजार रुपये परिवाद व्यय के रूप में भी देने होंगे।परिवादी ने कहा था कि उनके रसोई घर में गैस एजेंसी से प्राप्त गैस कनेक्शन का इस्तेमाल उनके पति द्वारा किया जा रहा था। अचानक चूल्हा भभक गया। घटना के तुरंत बाद परिवादी ने गैस एजेंसी को सूचना दी थी। 24 जुलाई 2020 को एजेंसी को नोटिस भी दिया था। एजेंसी का दायित्व था कि वह क्लेम प्रोसेस के लिए इंडियन आयल कार्पोरेशन को भेजती, लेकिन उसने ऐसा नहीं किया।

गैस उपभोक्ता का होता है बीमा

गैस कनेक्शन देते वक्त ही उपभोक्ता का बीमा कराया जाता है। यह गैस कनेक्शन में ही शामिल रहता है। इसमें स्पष्ट उल्लेख होता है कि कोई दुर्घटना होने की स्थिति में क्षतिग्रस्त व्यक्ति या उसके आश्रितों को 25 लाख रुपये तक बीमा राशि पाने का अधिकार होता है।

कंपनी ने दिया था यह तर्क

कंपनी का कहना था कि परिवादी को अंतिम सिलिंडर 16 अप्रैल 2020 को जारी हुआ था। घटना इसके 43 दिन बाद हुई। सिलिंडर में कोई गड़बड़ी होती तो तुरंत घटना हो जाती। परिवादी ने घटना के महीनों बाद सोच-समझकर परिवाद दायर किया। अगर घटना चूल्हा भभकने से होती तो पुलिस सिलिंडर, नली, चूल्हा इत्यादि जब्त करती, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। परिवादी से सूचना मिलने पर मैकेनिक भेजकर जांच करवाई गई थी। इसमें परिवादी के यहां गैस सिलिंडर, रेगुलेटर, सुरक्षा नली और चूल्हा सही पाए गए थे।