प्रयागराज । प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य की शैक्षणिक योग्यता को चुनौती देने वाली याचिका को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया है। दरअसल उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य की शैक्षिक योग्यता को लेकर दिवाकर नाथ त्रिपाठी द्वारा दाखिल परिवाद को एसीजेएम कोर्ट ने खारिज कर दिया था। इसके खिलाफ तिवारी ने इलाहाबाद हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। हाई कोर्ट ने आज दिवाकर नाथ तिवारी की याचिका को खारिज कर केशव प्रसाद मौर्य को बड़ी राहत दी है।
केशव प्रसाद मौर्य के खिलाफ दिवाकर नाथ त्रिपाठी शैक्षणिक प्रमाणपत्रों में हेराफेरी की शिकायत अगस्त 2021 में की थी। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने इसके बाद मौर्य के शैक्षणिक प्रमाणपत्र और ग्रेड शीट की प्रामाणिकता को सत्यापित करने के लिए एक जांच का आदेश दिया था। इसके बाद एसीजीएम प्रयागराज की कोर्ट में इस मामले की सुनवाई की गई।
इलाहाबाद हाईकोर्ट में यह आदेश न्यायमूर्ति समित गोपाल ने इलाहाबाद के सामाजिक कार्यकर्ता दिवाकर नाथ त्रिपाठी की याचिका पर अधिवक्ता कमल कृष्ण राय व अपर महाधिवक्ता एमसी चतुर्वेदी व एजीए (प्रथम) एके संड को सुनकर दिया है। न्यायालय ने सुनवाई के पश्चात याची द्वारा मुकदमा वापस लेने के आधार पर यह निर्णय लिया है। याची ने उपमुख्यमंत्री के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करने के लिए निचली अदालत में 19 जुलाई 2021 को धारा 156(3) सीआरपीसी के तहत प्रार्थना पत्र दाखिल किया था। आरोप लगाया कि केशव मौर्य ने 2012 विधानसभा चुनाव व 2007 इलाहाबाद शहर पश्चिमी के विधानसभा चुनाव के समय निर्वाचन आयोग के समक्ष अपने शैक्षिक प्रमाणपत्र के बारे में झूठा शपथपत्र दिया था। इसी प्रकार इंडियन आयल कारपोरेशन से सदोष लाभ प्राप्त करने के लिए कूटरचित शैक्षणिक दस्तावेज प्रस्तुत कर फिलिंग स्टेशन प्राप्त किया है। निचली अदालत ने चार सितंबर 2021 को याची के प्रार्थनापत्र को इस आधार पर खारिज किया था कि कोई दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किया गया।