भोपाल  ।  प्रदेश को पहली वंदे भारत एक्सप्रेस शनिवार से मिल जाएगी। पीएम मोदी आज दोपहर 3.15 बजे रानी कमलापति रेलवे स्टेशन पर वंदे भारत ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे। इस दौरान वह ट्रेन के कोच में ही 216 स्‍कूली बच्चों से बात भी करेंगे। इस आयोजन के लिए स्‍कूली बच्‍चे रानी कमलापति स्‍टेशन पहुंच गए हैं। सुरक्षा जांच के बाद उन्‍हें प्‍लेटफार्म-01 पर बिठाया गया है। इसी प्‍लेटफार्म पर पीएम मोदी वंदे भारत ट्रेन को हरी झंडी दिखाएंगे। यह ट्रेन भोपाल से नई दिल्ली के बीच चलेगी। यह नई दिल्ली से मध्य प्रदेश को जोड़ने वाली पहली हाईस्पीड ट्रेन होगी। रेलवे ने ट्रेन की औसत गति 91 किमी प्रति घंटा तय की है, जिसे आने वाले समय में बढ़ाया जाएगा। फिलहाल यह ट्रेन रानी कमलापति स्टेशन से नई दिल्ली की दूरी 7.40 घंटे व नई दिल्ली से रानी कमलापति स्टेशन की दूरी 7.50 घंटे में तय करेगी। अभी शताब्दी एक्सप्रेस रानी कमलापति स्टेशन से नई दिल्ली की दूरी 8.35 घंटे और नई दिल्ली से रानी कमलापति स्टेशन की दूरी 8.40 घंटे में पूरा करती है। आने-जाने में समय का मामूली अंतर अप ट्रैक के ज्यादा घुमावदार होने के चलते आता है। पश्चिम मध्य रेलवे के अधिकारियों से मिली जानकारी के मुताबिक वंदे भारत एक्सप्रेस ( ट्रेन नंबर- 20171) सप्ताह में शनिवार को छोड़कर शेष दिन तड़के 5.40 बजे रानी कमलापति स्टेशन से चलेगी और दोपहर 1.10 बजे हजरत निजामुद्दीन पहुंचेगी। यह ट्रेन सुबह 8.46 बजे वीरांगना लक्ष्मी बाई स्टेशन, सुबह 9.48 बजे ग्वालियर व सुबह 11.23 बजे आगरा कैंट स्टेशन पर ठहराव लेगी। वंदे भारत एक्सप्रेस ( ट्रेन नंबर- 20172) हजरत निजामुद्दीन स्टेशन से दोपहर 2.40 बजे चलेगी और रात 10.10 बजे रानी कमलापति स्टेशन पहुंचेगी। उक्त ट्रेन शाम 4.20 बजे आगरा कैंट, शाम 5.45 बजे ग्वालियर और शाम 7.03 बजे वीरांगना लक्ष्मी बाई स्टेशन पर ठहराव लेगी। दोनों दिशाओं में गुजरते समय यह ट्रेन पलवल स्टेशन पर ट्रेवलिंग ठहराव लेगी, इस स्टेशन से यात्री न तो चढ़ सकेंगे और न ही उतर सकेंगे। पश्चिम मध्य रेलवे के अधिकारियों से मिली जानकारी के मुताबिक शुभारंभ वाले दिन शनिवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी दोपहर 3.15 बजे हरी झंडी दिखाकर ट्रेन को रवाना करेंगे। यह ट्रेन दोपहर 3.27 बजे भोपाल, शाम 4.06 विदिशा, 4.30 बजे गंजबासौदा, 5.19 बजे बीना, 5.55 बजे ललितपुर, 6.28 बजे बबीना, 7.01 बजे वीरांगना लक्ष्मी बाई स्टेशन, 7.20 बजे दतिया, रात 8.03 बजे ग्वालियर, 8.29 बजे मुरैना, 8.56 बजे धौलपुर, 9.27 बजे आगरा कैंट, 9.35 बजे राजा की मंडी, 10.04 बजे मथुरा जंक्शन, 11.35 बजे हजरत निजामुद्दीन और रात 11.50 बजे नई दिल्ली पहुंचेगी।

रानी कमलापति से हजरत निजामुद्दीन स्टेशन के बीच वंदे भारत एक्सप्रेस का किराया

श्रेणी --- चेयरकार --- एग्जीक्यूटिव चेयरकार

बेसिक किराया ---- 1210 --- 2508

आरक्षण शुल्क --- 40 --- 60

सुपरफास्ट शुल्क --- 45 --- 75

कुल ---------- 1295 --- 2643

नोट:- यह सामान्य किराया है, इसमें पांच प्रतिशत जीएसटी, खानपान शुल्क समेत अन्य शुल्क अलग से जुड़ेंगे।

शताब्दी एक्सप्रेस का किराया

श्रेणी -- चेयरकार -- एग्जीक्यूटिव चेयरकार

बेसिक किराया ---- 864 --- 1929

आरक्षण शुल्क --- 40 --- 60

सुपरफास्ट शुल्क -- 45 --- 75

कुल---------- 949 --- 2064

नोट:- यह शताब्दी एक्सप्रेस का सामान्य किराया है। इसमें पांच प्रतिशत जीएसटी, फ्लेक्सी फेयर, खानपान शुल्क समेत अन्य शुल्क अलग से जुड़ते हैं।

वंदे भारत एक्सप्रेस की विशेषता

यात्री लोको पायलट व सहायक लोको पायलट से बात कर सकेंगे। इसके लिए प्रत्येक कोच के अंदर व प्रत्येक मुख्य गेट पर आपातकालीन टाकबैक यूनिट लगाई गई है। हालांकि यह सुविधा केवल आपातकालीन स्थिति के लिए होगी।
ट्रेन में जीपीएस आधारित सूचना सिस्टम, वैक्यूम आधारित शौचालय, आटोमैटिक स्लाइडिंग डोर, एलईडी टीवी भी है।
दरवाजे स्वचलित होंगे। जब ट्रेन प्लेटफार्म पर खड़ी होगी, तब दरवाजे खुल रहेंगे। यदि बंद रहते हैं तो गेट के सामने जाकर खड़े होने पर दरवाजे स्वत: खुल जाएंगे। जब ट्रेन किसी स्टेशन पर ठहरेगी, तब भी दरवाजे स्वत: खुलेंगे। कोच के अंदर भी एक से दूसरे कोच में जाने के लिए जिन दरवाजों से गुजरना होगा, वे भी स्वचलित होंगे। शौचालय में अग्निशामक यंत्र रखे हैं जिनका उपयोग आग लगने की स्थिति में किया जा सकेगा। कोच में फोल्डिंग टेबल दी गई है जिसका उपयोग यात्री अपनी सुविधा के अनुसार कर सकेंगे। कोच में दिव्यांग यात्रियों के लिए विशेष हैंडल लगाकर उन पर ब्रेल लिपि में बर्थ संख्या का उल्लेख किया गया है। ताकि दिव्यांगजन आसानी से अपनी बर्थ तक पहुंच सकें। एग्जीक्यूटिव श्रेणी के कोच की चेयरकार बर्थ, जिन्हें यात्री आसानी से 180 डिग्री एंगल पर सुविधा अनुरूप घुमाकर बैठ सकेंगे। गेट पर सीसीटीवी लगे हैं, चढ़ने व उतरने वाले प्रत्येक यात्री इनकी जद में होंगे। आपातकालीन स्थिति में कांच तोड़ने के लिए प्रत्येक कोच में हथौड़े दिए गए हैं।