बिलासपुर | छत्तीसगढ़ में 28 हजार सहायक शिक्षकों की पदोन्नति का रास्ता साफ हो गया है। बिलासपुर हाईकोर्ट के पदोन्नति पर लगा स्टे हटा दिया है। इसके बाद वन टाइम रिलेक्सेशन नियम का शिक्षकों का लाभ मिल सकता है। इसे लेकर अब छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन ने पदोन्नति के लिए जनवरी 2023 की स्थिति में नई वरिष्ठता सूची बनाने की मांग की है। एसोसिएशन का कहना है कि इससे रिक्त पदों की संख्या भी बढ़ेगी और नई भर्तियों के रास्ते खुलेंगे। इसका लाभ युवाओं को मिलेगा।

टीचर्स एसोसिएशन के कबीरधाम जिलाध्यक्ष रमेश कुमार चन्द्रवंशी ने बताया कि, इसके पहले अप्रैल 2022 की स्थिति में सहायक शिक्षकों की वरिष्ठता सूची जारी कर उनकी पदोन्नति हो चुकी है। ऐसे में पूरे प्रदेश में व्याख्याता, शिक्षक, प्रधान पाठक, मिडिल, प्राइमरी के पद की गणना जनवरी 2023 की स्थिति में नई वरिष्ठता सूची का प्रकाशन कर शीघ्र पदोन्नति की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि, लोक शिक्षण संचालनालय से विभिन्न विषय के व्याख्याता पद पर पदोन्नति के लिए रिक्त पद जारी किया जाए।

रमेश चंद्रवंशी ने बताया कि, छत्तीसगढ़ स्कूल शिक्षा सेवा शैक्षिक एवं प्रशासनिक संवर्ग भर्ती और पदोन्नति नियम 2019 में संशोधन किया गया है। इसमें शिक्षक एलबी संवर्ग के लिए पदोन्नति में वन टाइम रिलेक्सेशन देते हुए पांच साल की सेवा अवधि की अनिवार्यता को हटाकर तीन साल करने का संशोधित राजपत्र 31 दिसंबर 2021 को जारी किया गया। एसोसिएशन की मांग पर प्रदेश सरकार के वन टाइम रिलेक्सेशन के तहत बनाए गए नियम को हाईकोर्ट ने भी सही ठहराया है। इसके बाद प्रदेश में 28 हजार शिक्षकों को पदोन्नति का लाभ मिलेगा।

एसोसिएशन के प्रांतीय उपाध्यक्ष विनोद गुप्ता ने कहा कि व्याख्याता, प्रधान पाठक पूर्व माध्यमिक शाला, उच्च वर्ग शिक्षक, प्रधान पाठक प्राथमिक स्कूल के पद पर क्रमशः पदोन्नति किए जाने से रिक्त पद की संख्या बढ़ेगी। इससे अधिक से अधिक एलबी संवर्ग के शिक्षकों को पदोन्नति का लाभ प्राप्त हो पाएगा। वर्तमान में प्राथमिक शाला प्रधान पाठक के 22 हजार पद में 18 हजार पर पदोन्नति हो चुकी है। प्राथमिक शाला प्रधान पाठक के प्रतीक्षा सूची सहित 4 हजार, मिडिल स्कूल प्रधान पाठक के 6 हजार, व्याख्याता के 10 हजार, शिक्षक के 8 हजार सहित कुल 28 हजार पद पदोन्नति के लिए रिक्त हैं।