राजधानी लखनऊ में सोमवार को 18 मरीजों में डेंगू की पुष्टि हुई। पिछले दस दिनों की बात करें तो 20-25 मरीज रोजाना पॉजिटिव मिल रहे थे। सीएमओ के प्रवक्ता योगेश ने बताया कि अलीगंज में डेंगू के सबसे अधिक चार मरीज मिले। वहीं, चंदरनगर, टूड़ियागंज व सिल्वर जुबली इलाके में 3-3 मरीजों में डेंगू की पुष्टि हुई।

इंदिरानगर व सरोजनीनगर में 2-2 मरीज मिले, तो एनके रोड इलाके में एक मरीज डेंगू पॉजिटिव पाया गया। वहीं, विभिन्न इलाकों में 1306 घरों में मच्छरों की मौजूदगी का पता लगाने के लिए सर्वे किया गया। इनमें से 15 घरों में मच्छरों के पनपने के लिए माकूल परिस्थितियां पाए जाने पर नोटिस जारी किया गया।

जिले में इस साल 435 मरीज मिल चुके

स्वास्थ्य विभाग का रिकॉर्ड बताता है कि इस साल अब तक डेंगू के 435 मामले सामने आ चुके हैं। पिछले साल सितंबर तक डेंगू मरीजों का आंकड़ा 500 पार कर चुका था।

सरकारी अस्पतालों में 29 मरीज भर्ती

स्वास्थ्य विभाग के अफसरों का दावा है कि इस सीजन में मिल रहे ज्यादातर मरीजों को भर्ती होने की जरूरत नहीं पड़ रही है। सिविल अस्पताल में 20, तो लोकबंधु में डेंगू के चार मरीज भर्ती हैं। हालांकि, इनमें से कई मरीज दूसरे जिलों के हैं। बलरामपुर अस्पताल में कार्ड टेस्ट में पॉजिटिव पाए गए पांच मरीज भर्ती हैं। एलाइजा जांच के लिए इनके नमूने भेजे गए हैं।

प्लेटलेट्स की कमी व ब्लीडिंग पर नजर बनाए रखना जरूरी

लोकबंधु अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अजय के मुताबिक, डेंगू मरीजों के इलाज में नॉर्मल फ्लूइड, एंटीबॉयोटिक, पैरासिटामॉल दवाएं चलती हैं। इन दवाओं से चार से पांच दिन में मरीज ठीक हो जाते हैं। पर, डेंगू मरीजों में प्लेटलेट्स की कमी व ब्लीडिंग तो नहीं हो रही, इन सब पर विशेष नजर रखी जानी चाहिए।