नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में अधिकारों को लेकर अरविंद केजरीवाल सरकार और उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है। ताजा मामले में गुरुवार सुबह आम आदमी पार्टी के विधायकों ने अपनी मांगों को लेकर दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।अपनी मांगों को लेकर आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज सहित आप के कई विधायक एलजी के खिलाफ विधानसभा के बाहर गांधी प्रतिमा के पास धरने पर बैठे गए हैं।

हंगामे के चलते सदन आज करीब आधा घंटे देरी से शुरू हुआ। सदन शुरू होते ही सत्तापक्ष के विधायक- 'एलजी साहब होश में आओ' के नारे लगाने लगे। इसके बाद सदन की कार्रवाही 15 मिनट के लिए स्थगित कर दी गई।अधिकारों को लेकर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपराज्यपाल (एलजी) के बीच चल रही खींचतान के बीच राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने एलजी वीके सक्सेना के अधिकार और बढ़ा दिए हैं। उन्हें दो नए अधिकार दिए गए हैं।

इसके तहत उपराज्यपाल औद्योगिक संबंध संहिता 2022 और व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य एव कार्य स्थिति संहिता के तहत नियम बना सकते हैं।गृह मंत्रालय द्वारा इस संबंध में दो अलग-अलग अधिसूचनाएं 16 जनवरी को जारी की गई हैं। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के अलावा पांच अन्य केंद्र शासित प्रदेशों के उपराज्यपालों/प्रशासकों को भी अगले आदेश तक ये शक्तियां प्रदान की गई हैं। इनमें अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, दादरा और नगर हवेली, दमन और दीव, चंडीगढ़, पुडुचेरी और लक्षद्वीप भी शामिल हैं।

इससे पहले बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय राजधानी में सेवाओं के नियंत्रण को लेकर केंद्र और दिल्ली सरकार के बीच रस्साकसी पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। हालांकि, केंद्र सरकार ने पांच जजों की संविधान पीठ से सेवाओं पर नियंत्रण के मामले को और बड़ी बेंच को देने की अपील की है। सरकार ने यह मांग जीएनसीटीडी बनाम भारत सरकार के 2018 के फैसले को संज्ञान में लेते हुए की है।