शिमला।  हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस सरकार पर संकट फिलहाल के लिए टल गया है। राज्य की एकमात्र राज्यसभा सीट पर हुए चुनाव में कांग्रेस के 6 विधायकों ने पार्टी लाइन से हटकर बीजेपी के लिए क्रॉस वोटिंग  की थी।  इसके बाद सुखविंदर सिंह सुक्खू  सरकार के गिरने का खतरा बढ़ गया था।  हालांकि, ऐन वक्त पर कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने हालात संभाल लिया।
गौरतलब है कि मौजूदा सियासी संकट को सुलझाने के लिए कांग्रेस आलाकमान ने डीके शिवकुमार और हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंदर सिंह हुडा को पर्यवेक्षक बनाया था। 
दोनों नेताओं ने शिमला में वीरभद्र सिंह की पत्नी प्रतिभा सिंह और उनके बेटे विक्रमादित्य सिंह से बात की। इसके बाद गुरुवार प्रेस कांफ्रेंस के दौरान  कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार, हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी और विधायकों के बीच सारे मतभेद सुलझा लिए गए हैं।  सुखविंदर सिंह सुक्खू सीएम बने रहेंगे। प्रदेश में ऑपरेशन लोटस फेल हो गया है। हमारे लिए अब लोकसभा चुनाव प्राथमिकता है।
शिव कुमार ने कहा कि हम सभी विधायकों को सुन रहे हैं। सरकार में कोई समस्या नहीं है। डीके शिवकुमार ने राज्य की एकमात्र राज्यसभा सीट के लिए हुए चुनाव में कांग्रेस की करारी हार का जिक्र करते हुए कहा, सुक्खू ने राज्यसभा चुनाव में हार की जिम्मेदारी ली है।  6 कांग्रेस विधायकों के क्रॉस वोटिंग के बाद पार्टी के सीनियर नेता अभिषेक मनु सिंघवी बीजेपी के हर्ष महाजन से हार गए थे।
प्रेस कांफ्रेंस के में मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि मैं मानता हूं कि मैं असफल रहा। लेकिन ये खुफिया विफलता भी थी। हमें नहीं पता था कि बीजेपी हमारे विधायकों को तोड़ने की कोशिश कर रही है।