इंदौर ।  शहर के महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने स्नेह नगर के पटेल नगर में मंदिर परिसर में स्थित बावड़ी की छत ढ़हने की घटना के बाद प्रथम दृष्टया क्षेत्र के भवन अधिकारी और बिल्डिंग इंस्पेक्टर को निलंबित कर दिया है। उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले की जांच की जाएगी कि मंदिर में अवैध निर्माण किया गया था तो इसकी शिकायत की गई थी या नहीं। दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने शहर में जितने भी प्राकृतिक जल स्रोत (कुएं, बावड़ी, नदी इत्यादि) पर हुए अतिक्रमण को हटाने के निर्देश दिए हैं।

बावड़ी दुर्घटना की पुनरावृत्ति ना हो इस हेतु सतर्कता जरूरी है- गोपीकृष्ण नेमा

पूर्व विधायक गोपीकृष्ण नेमा ने कल पटेल नगर मंदिर में हो रहे धार्मिक अनुष्ठान में हुई दुर्घटना पर दुख व्यक्त करते हुए कहां की घटना क्यों और कैसे हुई यह अलग जांच का विषय है। जिन परिवारों ने अपना प्रिय जन खोया है उसकी पूर्ति असंभव है कोई मुआवजा कोई सांत्वना उन्हें वापस नहीं ला सकती लेकिन भविष्य में इस तरह घटना की पुनरावृत्ति ना हो इस पर शासन और प्रशासन अवश्य कदम उठा सकता है इंदौर शहर में पूर्व काल से बावड़ी बनाने का चलन रहा है जिसमें लोग अपनी आवश्यकताओं का पानी लेकर उपयोग करते थे समय के साथ इनका उपयोग बंद जैसा हो गया एरन के पत्थरों से बनी हुई यह बावड़ी या वर्षों पुरानी होकर कमजोर हो चुकी है चूहे एवं अन्य जीव उसके नीचे अपना रहवास बना चुके हैं जिससे उनकी मजबूती समाप्त होकर वह पोली हो गई है जो ऊपर से देखने में पत्थरों की मजबूत दिखाई देती है

इन पर कहीं धार्मिक स्थान या अन्य गतिविधियां संचालित हो रही है इस प्रकार की कुछ बावड़ी या 1 राधा गोविंद का बगीचा जुनी इंदौर 2 चंद्रेश्वर महादेव मंदिर कटकट पुरा जुनी इंदौर 3 भूतेश्वर मंदिर मार्ग पंचकुइया पर 4 मल्हारगंज थाने के सामने 5 पुराने आरटीओ भवन लालबाग के पास6 केशर बाग रोड पर भोलेनाथ का मंदिर7 नेमा नगर कॉलोनी में इस प्रकार शहर में कई स्थानों पर प्राचीन समय से बावड़ी बनी हुई है जिन पर वर्तमान में आवागमन एवं गतिविधियां हो रही है पूर्व विधायक गोपीकृष्ण नेमा ने माननीय मुख्यमंत्री जी को mail कर मांग की है इस प्रकार की बावड़ीयो की फिजिकल टेस्ट इंजीनियरों की टीम से करवाएं असुरक्षित होने पर वहां पर सूचना बोर्ड के साथ गतिविधियां प्रतिबंधित भी करें अनुपयोगी होने पर उन्हें बंद करवाने की कार्यवाही भी करें शासन और प्रशासन के इस प्रकार के प्रयास से भविष्य में इस तरह की दुर्घटना की पुनरावृत्ति नहीं होगी और निर्दोष जनों को काल के गाल में जाने से हम बचा पाएंगे