देश के चीफ जस्टिस (CJI) बीआर गवई ने शनिवार को इलाहाबाद उच्च न्यायालय परिसर में आयोजित एक समारोह में कहा कि जब भी देश पर संकट आया, भारत हमेशा एकजुट और मजबूत रहा. उन्होंने इसके लिए भारतीय संविधान को श्रेय देते हुए कहा कि हमारे आसपास के देशों में जहां आज भी अस्थिरता और संकट है, वहीं भारत 75 वर्षों बाद भी निरंतर प्रगति कर रहा है और यह संविधान की देन है.

सीजेआई गवई ने आगे कहा कि संविधान ने न केवल देश को जोड़े रखा, बल्कि हमें सामाजिक और आर्थिक समानता की दिशा में आगे बढ़ाया. स्वतंत्रता के बाद भारत ने जिस लोकतांत्रिक मजबूती के साथ तरक्की की है, वह पूरी दुनिया के लिए मिसाल है.

प्रयागराज से खास जुड़ाव
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए चीफ जस्टिस ने कहा कि शपथ लेने के बाद इलाहाबाद उच्च न्यायालय का यह मेरा पहला आधिकारिक कार्यक्रम है और यह मेरे लिए सौभाग्य की बात है. उन्होंने प्रयागराज से अपने व्यक्तिगत संबंधों का उल्लेख करते हुए कहा कि जब वे 2019 में सुप्रीम कोर्ट पहुंचे, तब जस्टिस विनीत सरन, कृष्ण मुरारी और बाद में विक्रम नाथ से पारिवारिक रिश्ते बन गए.

उन्होंने हंसते हुए कहा कि योगी जी तो पावरफुल हैं ही, लेकिन इलाहाबाद भी कम पावरफुल लोगों की धरती नहीं है. विक्रम नाथ देश के सबसे मजबूत न्यायाधीशों में से एक हैं. उनके निमंत्रण को अस्वीकार करने की मुझमें हिम्मत नहीं थी. उन्होंने आज सच नहीं बोला, उनको डिफेंड करने की मुझमें हिम्मत नहीं है. इसलिए कहूंगा कि इलाहाबाद बार बहुत ही अनुशासित बार है.

बार-बेंच के तालमेल की तारीफ
सीजेआई ने इलाहाबाद हाईकोर्ट की बार एसोसिएशन को अनुशासित बताते हुए कहा कि जब बार और बेंच साथ मिलकर काम करते हैं, तभी न्याय तंत्र बेहतर ढंग से काम कर सकता है. उन्होंने कहा कि अधिवक्ताओं के लिए बनाए गए नवनिर्मित चैंबर और मल्टीलेवल पार्किंग का स्तर अद्भुत है. इतनी बड़ी और सुविधा युक्त इमारत मेरी जानकारी में पूरी दुनिया में नहीं होगी. इसके लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को मैं धन्यवाद देना चाहता हूं. मुख्यमंत्री ने न्यायमूर्तियों का ही नहीं वकीलों का ही नहीं, बल्कि आम आदमी का भी ध्यान रखा है.

चीफ जस्टिस ने कहा कि मुख्यमंत्री ने हाई कोर्ट आने वाले वादकारियों के लिए जो नए भवन के निर्माण की स्वीकृति दी है यह काबिले तारीफ है. यह भी कहा कि बेहतर न्याय व्यवस्था के लिए बार और बेंच का अच्छा तालमेल होना चाहिए.

प्रयागराज की ऐतिहासिक विरासत को किया याद
सीजेआई गवई ने प्रयागराज की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत का उल्लेख करते हुए कहा कि न्याय के क्षेत्र में इलाहाबाद का नाम बड़े ही सम्मान से लिया जाता है. मोतीलाल नेहरू, जवाहरलाल नेहरू जैसे अधिवक्ता हुए तो वहीं महादेवी वर्मा, हरिवंश राय बच्चन, सूर्यकांत त्रिपाठी निराला, सुभद्रा कुमारी चौहान जैसे साहित्यकार भी दिए. स्वतंत्रता आंदोलन में चंद्रशेखर आजाद के वरदान को देश सैल्यूट करता है. आजादी के आंदोलन में चंद्रशेखर आजाद के योगदान को नहीं भुलाया जा सकता.