नई दिल्ली । आम तौर पर ऐसा होता है कि फैमिली के बिजनेस को आगे बढ़ाने के लिए परिवार का सदस्य उसमें शामिल होता है। पहले से बिजनेस को चला रहा सदस्य उसे अगले स्तर पर ले जाने के लिए बिजनेस को फैलाने में लग जाता है। बिजनेस करने और उसे फैलाने के इस तौर तरीकों को उपयोग अब अपराधी गैर-कानूनी धंधों में भी करने लगे हैं। इस बात का खुलासा उस समय हुआ जब चोरी-लूट के मोबाइल को भारत से बाहर भेजने वाले इंटरनेशनल सिंडिकेट का पर्दाफाश हुआ।दरअसल, बीते कुछ महीनों में साउथ ईस्ट डिस्ट्रिक्ट समेत पूरी दिल्ली में मोबाइल चोरी, स्नैचिंग और लूट की घटनाओं में काफी बढ़ोतरी हुई। पुलिस जांच में उन मोबाइल फोन में से ज्यादातर फोन ट्रेस नहीं हो पा रहे थे, जिस वजह से मोबाइल से जुड़े चोरी, स्नैचिंग और लूट के मामले सुलझ नहीं पा रहे थे।  इस बात को ध्यान में रखते हुए साउथ ईस्ट दिल्ली के डीसीपी राजेश देव ने इन घटनाओं पर लगाम लगाने और इसमें शामिल आरोपियों को पकड़ मोबाइल फोन की बरामदगी का काम साउथ ईस्ट डिस्ट्रिक्ट के एंटी नार्कोटिक्स स्क्वायड को सौंपा। इसके लिए एसीपी राजेश डोगरा की देखरेख में एंटी नार्कोटिक्स स्क्वायड के इंचार्ज, इंस्पेक्टर विष्णु दत्त के नेतृत्व में सब इंस्पेक्टर नागेंडेरा कुमार, हेड कॉन्स्टेबल मोहित, नीरज, रविंदर गिरि, करमवीर, महेंद्र, विनोद, कॉन्स्टेबल अमित और पंकज की टीम का गठन किया गया था। इंस्पेक्टर विंष्णु दत्त के नेतृत्व वाली टीम मोबाइल चोरी-लूट से जुड़ी घटनाओं का विश्लेषण कर जानकारियों को जुटाने में लगी हुई थी। पुलिस टीम की मेहनत रंग लाई और 19 सितंबर को उन्हें गुप्त सूत्रों से एक सूचना मिली, जिसमें उन्हें सूत्रों ने एक सिंडिकेट के बारे में बताया, जो चोरी-लूट में मोबाइल फोन की खरीद-बिक्री में लिप्त था। गुप्त सूत्रों से मिली सूचना के आधार पर पुलिस टीम ने जैतपुर थाना इलाके में छापेमारी की। जिसमें उन्हें पिट्ठू बैग लिए बाइक सवार दो संदिग्धों को दबोचने के कमायाबी मिली। बाइक सवारों के बैग की तलाशी में पुलिस को चोरी-लूट के कुल 84 फोन बरामद हुए। जिसे जब्त कर पुलिस ने दोनों को हिरासत में ले लिया। दोनों आरोपियों के कब्जे से बरामद मोबाइल फोन दिल्ली-एनसीआर के अलग-अलग इलाक़ों से चुराए या लुटे गए थे। इस मामले में पकड़े गए दोनों आरोपियों की पहचान मोलरबन्द गांव, बदरपुर के नवाब शरीफ और एकता विहार मीठापुर के अकील अहमद के रूप में हुई। आरोपी नवाब, एस। खान नाम से मोबाइल रिपेयरिंग का शॉप चलता है, जबकि अकील इसका पार्टनर है। पूछताछ में आरोपियों ने खुलासा किया कि वे पिछले डेढ़ साल से चोरी-लूट के मोबाइल फोन की खरीद-बिक्री में लिप्त हैं। वे उन मोबाइल फोन को दिल्ली से वेस्ट बंगाल के बनगांव में मोबाइल रिपेयरिंग का शॉप चलाने वाले शब्बीर सरदार और श्यामल रुद्रा को ब्लू-डार्ट कुरियर के माध्यम से भेजते हैं, जो आगे उसे बंगाल से बांग्लादेश भेज देता है। जहां फर्जी बिल पर उन फोन को बेचा जाता है। यह सिंडिकेट अब तक 160 पार्सल दिल्ली से कोलकाता भेज चुका हैं।