छत्तीसगढ़ में डिप्टी कलेक्टर और गरियाबंद जनपद पंचायत CEO करुण डहरिया को ACB ने रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। फिलहाल इस मामले में अभी कार्रवाई जारी है। जानकारी के मुताबिक, ग्राम पंचायत चिखली, मालगांव और मजरकटा में 15वें वित्त से 4 बोरवेल खनन होना था। इसके लिए पहली किस्त में तीन लाख रुपए चाहिए था। इसके लिए कांग्रेस नेता शफीक खान ने जनपद पंचायत CEO करुण डहरिया से संपर्क किया। आरोप है कि 30 अक्तूबर को डिप्टी कलेक्टर डहरिया ने बिल पास कराने के एवज में 20 हजार रुपए की मांग की। 

इस पर कांग्रेस नेता शफीक खान ने 4 नवंबर को रुपए देने की बात कही। इस बीच उन्होंने इसकी शिकायत ACB से कर दी। जिसके बाद ACB ने ट्रैप का आयोजन किया। तय समय पर शुक्रवार को शफीक खान से जनपद पंचायत कार्यालय पहुंच गए। वहां उन्होंने जैसे ही CEO करुण डहरिया ने रुपए लिए, उसी समय ACB अफसर पहुंच गए। उन्होंने CEO डहरिया को रंगे हाथ पकड़ लिया। 

ACB के 20 अफसर इस ट्रैप के लिए गरियाबंद पहुंचे थे। डिप्टी कलेक्टर करुण डहरिया ने 7 महीने पहले ही जनपद पंचायत सीईओ के रूप में पदभार ग्रहण किया था। उनके खिलाफ पहले भी भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे। करुण डहरिया मूल रूप से कोरबा के रहने वाले हैं। वे 2019 बैच के राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी हैं। पहली पोस्टिंग जांजगीर-चांपा में SDM के रूप में हुई थी। इसके बाद उनका ट्रांसफर पामगढ़ हुआ।