कानपुर । यूपी के कानपुर में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी डिप्टी डायरेक्टर आदित्यवर्धन सिंह गंगा में नहाने  गए थे। इस दौरान पैर फिसलने से वो नदी में डूब गए। अभी तक उनका कुछ पता नहीं चला है। गोताखोरों की टीम उनकी तलाश में जुटी है। एसडीआरएफ भी लगी है। पीएसी, जल पुलिस आदि भी खोजबीन में जुटी है। 72 घंटे बाद भी उनका कुछ पता नहीं चला है।
उनके दोस्तों का कहना है कि उन लोगों ने तुरंत वहां मौजूद गोताखोरों से मदद मांगी थी लेकिन गोताखोरों ने पहले उन्हें 10 हजार रुपये देने को कहा। कैश न होने के कारण जब तक पैसे एक दुकानदार के अकाउंट में ऑनलाइन ट्रांसफर किए गए तब तक देर हो चुकी थी। आदित्यवर्धन सिंह नदी में बह गए। यह मामला नानामऊ घाट का है। आरोप है कि अगर मौके पर मौजूद गोताखोर तुरंत रेस्क्यू शुरू करते तो आदित्यवर्धन को बचाया जा सकता था। उन्होंने पहले पैसे ट्रांसफर करवाए फिर रेस्क्यू में जुटे। तब तक आदित्यवर्धन नदी के बहाव में बह गये थे। आदित्यवर्धन की पत्नी महाराष्ट्र में जज हैं। उनके चचेरे भाई बिहार में सीनियर आईएएस ऑफिसर हैं। आस्ट्रेलिया से आदित्यवर्धन के माता-पिता और बहन कानपुर पहुंच गए हैं। अन्य परिजन भी मौके पर पहुंच चुके हैं। पत्नी पहले से ही घटनास्थल पर मौजूद हैं। फिलहाल अधिकारी के गंगा में डूबने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। देर रात आदित्यवर्धन सिंह की बॉडी नहीं मिली है। पुलिस-प्रशासन की ओर से तलाशी अभियान जारी है। एसडीआरएफ की टीम भी नदी में उनकी तलाश कर रही है। कई किलोमीटर के एरिया को छाना जा रहा है। एडीसीपी  अपनी टीम के साथ 2 दिन से घाट पर ही जमे हुए हैं। उनका कहना है गंगा में कई टीम में लगाई गई हैं सभी प्रयास किये जा रहे हैं। पीड़ित के परिजन और रिश्तेदार भी घटनास्थल पहुंच चुके हैं।