नई दिल्ली । दिल्ली के कथित शराब घोटाला मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद राजधानी में लोकसभा चुनाव का माहौल बदल गया है। एक तरफ बीजेपी का प्रचार उसके तय रणनीति के अनुरूप जारी है, वहीं आप-कांग्रेस इंडिया गठबंधन के तहत इस बार साथ चुनाव लड़ रही है। यही वजह है कि कांग्रेस और आम आदमी पार्टी चुनाव प्रचार की रणनीति नए सिरे से बना रही है। अब दोनों ही पार्टियां उसी योजना के तहत दिल्ली में प्रचार की तैयारी कर रही है। कांग्रेस पार्टी सूत्रों के मुताबिक, पार्टी अगले सप्ताह गठबंधन के तहत अपने हिस्से की तीनों सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा के साथ अपने चुनाव प्रचार अभियान को तेज कर सकती है। आप के साथ अब कांग्रेस भी मुख्यमंत्री केजरीवाल की गिरफ्तारी को चुनावी मुद्दा बनाने की तैयारी में है, जिससे उन्हें लोकसभा चुनाव में इसका लाभ मिल सके। दिल्ली में इंडिया गठबंधन की साझा रणनीति ही बीजेपी के खिलाफ दोनों दलों की चुनाव प्रचार की साझा नीति होगी। वरिष्ठ कांग्रेस नेता मुकुल वासनिक के घर आप और कांग्रेस के नेताओं की बैठक होने वाली है। पहले यह बैठक गुरुवार को होनी थी, लेकिन केजरीवाल की गिरफ्तारी के कारण इसे एक सप्ताह आगे बढ़ दिया गया है। सबसे बड़ी चुनौती है, वह यह है कि उनके पास फिलहाल कोई भी बड़ा नेता नहीं है। जो है वो शराब घोटाला के मामले में गिरफ्तार हो चुके हैं। ऐसे में आप की नैया पार लगाने की जिम्मेदारी भी कांग्रेस के ही सिर होगी। कांग्रेस के बड़े नेता आप उम्मीदवारों के लिए भी प्रचार करेंगे। रैलियों में भी न केवल नेता बल्कि दोनों पार्टियों के उम्मीदवार भी मंच पर मौजूद रहेंगे। दिल्ली कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी से आप और कांग्रेस के गठबंधन पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। दोनों ही दल ईमानदारी से गठबंधन धर्म निभाएंगे। उन्होंने कहा कि भले ही आप के पास चुनाव के लिए बड़े नेता नहीं हैं, लेकिन कांग्रेस इस कमी को पूरा करेगी और उनके साथ मिलकर चुनाव प्रचार करेगी। इसके लिए जल्दी ही बैठक कर कॉमन एजेंडा तैयार किया जाएगा और साझा चुनाव प्रचार अभियान की रणनीति तय की जाएगी।