हैंड ग्रेनेड से 20 फीट तक हो सकती थी तबाही....
दिल्ली के नरेला औद्योगिक क्षेत्र के होलंबीकलां इलाके में खेतों में मिले देसी हैंड ग्रेनेड का इस्तेमाल होता तो 20 फीट तक के क्षेत्र में तबाही हो सकती थी। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि बम की जांच एनएसजी से कराई जाएगी।
इसके बाद ही पता चल पाएगा कि ग्रेनेड में किन विस्फोटकों का इस्तेमाल किया गया है। पकड़े गए आरोपी दिलीप से पुलिस को जानकारी मिली थी कि उसे हैंड ग्रेनेड पड़ोस में रहने वाले कांशीराम ने दिया था। इसे बाद में किसी को देना था।
तकनीकी जांच से कांशीराम की लोकेशन मध्य प्रदेश के छत्तरपुर में मिल रही है। उसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस की एक टीम छत्तरपुर के लिए रवाना हो गई है। देर रात तक उसकी गिरफ्तारी नहीं हो सकी थी।
बाहरी उत्तरी जिला पुलिस उपायुक्त रवि कुमार सिंह ने बताया कि चोरी के मामले में पकड़े गए दिलीप के निशानदेही पर एक खेत से देशी हैंड ग्रेनेड बरामद किए गए। उसने बताया कि पड़ोस में रहने वाले कांशीराम ने उसे ग्रेनेड को संभालकर रखने के लिए दिया था। सभी ग्रेनेड को दिलीप ने एक प्लास्टिक के कंटेनर में रख दिया और उसे खेत में जमीन के नीचे दबा दिया। ब्यूरो
आरोपी की तलाश में छत्तरपुर मध्य प्रदेश रवाना हुई पुलिस
पुलिस ने कांशीराम के बारे में जानकारी हासिल की तो पता चला कि वह मूलत: छत्तरपुर मध्य प्रदेश का रहने वाला है और अलीपुर थाना इलाके में उसके खिलाफ लूटपाट का एक मामला दर्ज है। पुलिस को सर्विलांस के जरिए कांशीराम का लोकेशन छत्तरपुर में मिला है। दिल्ली पुलिस की एक टीम को छत्तरपुर के लिए रवाना कर दी गई है।
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि पुलिस आरोपी के काफी नजदीक है और कभी भी उसकी गिरफ्तारी हो सकती है। उससे पूछताछ करने के बाद ही पता चल पाएगा कि कांशीराम को ग्रेनेड कहां से मिला था और इसका कहां इस्तेमाल होना था।