कोपनहेगन । यहां शुरु होने जा रहे बीडब्ल्यूएफ विश्व चैम्पियनशिप में भारत को एचएस प्रणय और लक्ष्य सेन से पदक की उम्मीद रहेंगी। इन दोनो के अलावा सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी की जोड़ी भी जीत की दावेदार रहेगी। ये जोड़ी इस समय विश्व की दूसरी नंबर की जोड़ी है। पिछले चरण में इस जोड़ी ने कांस्य पदक जीता था और इस बार वह अपने पदक का रंग बदलना चाहेगी। 
इतिहास पर नजर डालें तो भारत ने पिछले 46 साल में इस प्रतियोगिता में एक स्वर्ण सहित 13 पदक जीते हैं जिसमें चार रजत और आठ कांस्य पदक भी शामिल हैं। दिग्गज खिलाड़ी प्रकाश पादुकोण ने साल 1993 में यहां कांस्य पदक जीता था। वहीं 2011 के बाद से ही महिला एकल में देश की खिलाड़ी हमेशा से ही एक पदक जीतती आ रही हैं। सिंधु विश्व चैम्पियनशिप में भारत की सबसे सफल खिलाड़ी रही हैं वह 2019 में चैम्पियन रहीं थीं और उनके नाम पांच पदक हैं पर बासेल चरण के बाद से वह ही असफल रही हैं और इस सत्र में भी पहले की तरह से नहीं खेल पायी हैं। वहीं किदाम्बी श्रीकांत और लक्ष्य सेन ने साल 2021 चरण में रजत और कांस्य पदक जीते जबकि सात्विक और चिराग की जोड़ी ने 2022 में कांस्य पदक अपने नाम किया। वहीं पुरुष एकल में प्रणय ऐसे खिलाड़ी हैं जो पोडियम के करीब पहुंचकर विफल रहे हैं, वह 2021 और 2022 दोनों चरण के क्वार्टर फाइनल तक पहुंचे पर पिछले 12 महीनों में अच्छी फार्म के कारण वह जीत के प्रबल दावेदार हैं। 
प्रणय अपना पहला मुकाबला फिनलैंड के कोले कोलजोनेन के खिलाफ शुरू करेंगे जिनकी विश्व रैंकिंग 56 है। इसके बाद वह इंडोनेशिया के चिको ओरा ड्वी वार्डोयो से खेलेंगे जबकि लक्ष्य का सामना दुनिया के 110वें नंबर के खिलाड़ी मॉरीशस के जार्जेस जुलियन पॉल से होगा और उनके इसके बाद कोरिया के जियोन हियोन से खेलेंगे। उनका मुकाबला तीसरे दौर में कुनलावुत वितिदसर्ण से हो सकता है। श्रीकांत इस सत्र में अच्छा नहीं कर पाये हैं पर वह ओलंपिक से पहले लय हासिल करना चाहेंगे। श्रीकांत का सामना जापान के 15वीं रैंकिंग के खिलाड़ी केंटा निशिमोटो से होगा।