नई दिल्ली । दिल्ली में प्रदूषण को देखते हुए कृत्रिम बारिश को लेकर अरविंद केजरीवाल सरकार ने मुख्य सचिव को आदेश दिए हैं. इस आदेश में 10 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली सरकार का पक्ष रखने को कहा गया है. साथ ही दिल्ली सरकार सारा खर्च उठाने के लिए तैयार है. दिल्ली सरकार का कहना है कि अगर केंद्र साथ तो दिल्ली में 20 नवंबर तक पहली आर्टिफिशियल बारिश कराई जा सकती है. दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने मुख्य सचिव को यह भी कहा गया है कि वह अदालत से केंद्र सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार से जरूरी मंज़ूरी 15 नवंबर तक देने के लिए भी कहें ताकि 20 और 21 नवंबर को कृत्रिम बारिश के पहले चरण की पायलट स्टडी हो सके. दिल्ली सरकार ने आईआईटी कानपुर से कृत्रिम बारिश कराने के लिए संपर्क किया है. दिल्ली में प्रदूषण के कारण ऐसी परिस्थिति उत्पन्न हुई है. भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र का कहना है कि कृत्रिम बारिश कराने का प्रयास तभी किया जा सकता है जब बादल हों या नमी हो. उन्होंने कहा, “ इस संबंध में भारत में कुछ कोशिशें की गई हैं- तेलंगाना, तमिलनाडु और कर्नाटक में ऐसी कोशिशें की गई थीं. वैश्विक स्तर पर कृत्रिम बारिश पर शोध किया जा रहा है... मूल आवश्यकता बादल या नमी की होती है. भारत में कृत्रिम बारिश पर शोध जारी है लेकिन अभी तक इसमें कोई खास प्रगति नहीं हुई है. बुधवार (8 नवंबर) को पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा था कि इस महीने ‘क्लाउड सीडिंग’ के जरिए कृत्रिम बारिश कराने की योजना बना रही है. उन्होंने आईआईटी-कानपुर के वैज्ञानिकों के साथ एक बैठक की थी, जिन्होंने बताया कि ‘क्लाउड सीडिंग’ की कोशिश तभी की जा सकती है जब वातावरण में नमी या बादल गोपाल राय ने कहा, “विशेषज्ञों का अनुमान है कि 20-21 नवंबर के आसपास ऐसे हालात बन सकते हैं. हमने वैज्ञानिकों से एक प्रस्ताव तैयार करने को कहा है जिसे सुप्रीम कोर्ट को सौंपा जाएगा.