मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास द्वारा घोषित द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा के मुख्य ‎बिंदू इस प्रकार हैं:
* नीतिगत दर या रेपो दर 6.5 प्रतिशत पर बरकरार।
* वित्त वर्ष 2024-25 के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर सात प्रतिशत रहने का अनुमान है, जो चालू वित्त वर्ष के 7.3 प्रतिशत के अनुमान से कम है।
* चालू वित्त वर्ष में खुदरा मुद्रास्फीति औसतन 5.4 प्रतिशत रहेगी। 2024-25 में यह घटकर 4.5 प्रतिशत पर आ जाएगी।
* ब्याज दरों में कटौती का लाभ अभी पूरी तरह उपभोक्ताओं को नहीं मिली है।
* मौजूदा आर्थिक गति अगले वित्त वर्ष में भी बरकरार रहेगी।
* रबी बुवाई में सुधार, विनिर्माण क्षेत्र में निरंतर लाभप्रदता, 2024-25 में आर्थिक गतिविधि का समर्थन करने के लिए सेवाएं मजबूत।
* निवेश चक्र गति पकड़ रहा है, निजी क्षेत्र के पूंजीगत व्यय में सुधार के संकेत।
* भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत, निरंतर वृद्धि पथ पर आत्मविश्वास से प्रगति कर रही है।
* सरकार राजकोषीय के सुदृढ़ीकरण पथ पर कायम है; घरेलू आर्थिक गतिविधियां मजबूत।
* खाद्य पदार्थों की कीमतों में अनिश्चितता का मुख्य मुद्रास्फीति पर प्रभाव जारी है।
* भू-राजनीतिक तनाव बढ़ने से आपूर्ति शृंखला पर असर पड़ रहा है, जिससे जिंस की कीमतों पर दबाव पड़ रहा है।
* विदेशी मुद्रा भंडार 622.5 अरब अमेरिकी डॉलर; विदेशी दायित्वों को पूरा करने के लिए संतोषजनक।
* घरेलू वित्तीय प्रणाली स्वस्थ बही-खाते के साथ मजबूत बनी हुई है।
* विनियमित संस्थाओं को अनुपालन, उपभोक्ता हित संरक्षण को सर्वोच्च प्राथमिकता देनी चाहिए।
* आरबीआई खराब या सीमित इंटरनेट संपर्क वाले क्षेत्रों में लेनदेन के लिए सीबीडीसी-रिटेल में एक ऑफ लाइन कार्यक्षमता शुरू करेगा।
* चालू वित्त वर्ष में भारतीय रुपये की विनिमय दर काफी स्थिर रही।
* मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की अगली बैठक तीन से पांच अप्रैल को होगी।