दो माह में साढ़े दस हजार करोड़ रुपये कर्ज ले चुकी है सरकार
अब तीन हिस्सों में लेगी पांच हजार करोड़ रुपये का कर्ज
सरकार ने अपनी सुदृढ़ वित्तीय स्थिति का हवाला दिया है


भोपाल।  विधानसभा चुनाव के बाद और लोकसभा चुनाव से पहले राज्य सरकार बाजार से लगातार कर्ज उठा रही है। राज्य सरकार दो माह (जनवरी-फरवरी) में साढ़े दस हजार करोड़ रुपये कर्ज ले चुकी है। अब रिजर्व बैंक के मुंबई कार्यालय के माध्यम से अपने गवर्मेंट स्टाक का विक्रय कर तीन हिस्सों में कुल पांच हजार करोड़ रुपयों का कर्ज बाजार से लिया जाएगा।
 5 हजार करोड़ रुपए का यह कर्ज अलग-अलग तीन स्वरूप में 27 फरवरी को लिया जाएगा। जिसका भुगतान सरकार को 28 फरवरी को होगा। कर्ज की यह राशि 20, 21 और 22 साल के लिए उधारी पर ब्याज चुकाने के रूप में ली जा रही है। तीनों ही कर्ज पर साल में दो बार कूपन रेट पर ब्याज का भुगतान किया जाएगा। इन कर्जों को लेने के लिए राज्य सरकार ने अपनी सुदृढ़ वित्तीय स्थिति का हवाला दिया है। लोकसभा चुनाव के पहले यह कर्ज राज्य सरकार की योजनाओं के हितग्राहियों और सरकार के खर्च को ध्यान में रखते हुए लिए लिया जा रहा है। इसके पहले इसी माह 6 फरवरी और 20 फरवरी को सरकार के खर्च की भरपाई के लिए कर्ज लिया जा चुका है। वित्तीय सीमा को ध्यान में रखते हुए मार्च में भी कर्ज लेने की तैयारी बताई जा रही है।

अब तक 27,500 का कर्ज
वर्तमान वित्त वर्ष में मध्य प्रदेश सरकार अब तक कुल 27 हजार 500 करोड़ रुपये का कर्ज ले चुकी है। अब पांच हजार करोड़ रुपये का नया कर्ज मिलाकर कुल कर्ज 32 हजार 500 करोड़ रुपये हो जाएगा। वर्ष 2024 में 23 जनवरी को ढाई हजार करोड़ रुपये, छह फरवरी को तीन हजार करोड़ रुपये और बीस फरवरी को पांच हजार करोड़ रुपये का कर्ज लिया जा चुका है। अब 27 फरवरी को तीन किस्तों में पांच हजार करोड़ रुपये का कर्ज लिया जाएगा।

प्रदेश सरकार पर है इतना कर्ज
प्रदेश के ऊपर मार्च 2023 की स्थिति में तीन लाख 31 हजार करोड़ रुपये से अधिक का ऋण है। वहीं अब तक के कुल कर्ज को मिलाकर मध्य प्रदेश सरकार पर कर्ज का कुल भार तीन लाख 64 हजार करोड़ रुपये से अधिक हो गया है।

इसके पहले ऐसे लिया था कर्ज
वर्ष 2024 में राज्य सरकार 23 जनवरी को 2500 और 6 फरवरी को अलग-अलग 1500-1500 करोड़ रुपए के कर्ज ले चुकी है। इसके बाद 20 फरवरी को भी 5 हजार करोड़ का लोन लिया गया था। यह लोन तीन प्रोसेस में लिया गया था जिसमें पहली और दूसरी प्रोसेस में 16 और 20 साल के लिए 1500-1500 करोड़ का कर्ज लेना शामिल था जिसकी अदायगी 21 फरवरी 2040 और 21 फरवरी 2044 तक करना है। इसके साथ ही एक अन्य कर्ज 2000 करोड़ रुपए का लिया गया था जिसकी अदायगी 21 फरवरी 2045 तक करना होगा।

23 जनवरी को लिए थे 2500 करोड़ रुपए
इसके पूर्व सरकार ने 23 जनवरी को 2500 करोड़ का कर्ज लिया था। जिसकी अदायगी 24 जनवरी 2040 तक करना है। इसके 15 दिन के भीतर ही फिर 6 फरवरी को लिया गया 3 हजार करोड़ का नया कर्ज लिया गया। यह तीन हजार रुपए का कर्ज 1500-1500 करोड़ के रूप में 16 और 17 वर्षों की अवधि के लिए लिया है।