दक्षिणी दिल्ली। साइबर जालसाजों ने तीन महीने में दक्षिणी दिल्ली के निवासियों से दो करोड़ से ज्यादा रुपये की ठगी कर ली। आरोपितों ने पीड़ितों को अलग-अलग तरीकों अपना शिकार बनाया।

दक्षिणी, दक्षिणी-पश्चिमी और दक्षिणी-पूर्वी दिल्ली जिले की पुलिस ने एफआइआर तो दर्ज कर ली, लेकिन जालसाजों के आकाओं तक नहीं पहुंच सकी। जबकि ठगी का सिलसिला अभी भी जारी है।

जालसाजी के करीब 79 केस दर्ज

इस साल जनवरी से मार्च महीने तक तीनों जिलों के साइबर क्राइम थानों में जालसाजी के करीब 79 केस दर्ज किए गए। इन मामलों में जालसाजों ने पीड़ितों की दो करोड़ से ज्यादा रुपये की गाढ़ी कमाई ठग ली। आरोपितों ने किसी से 20 लाख तो किसी ने 50 लाख रुपये की ठगी की।

इसके अलावा अन्य थानों में भी 10 से ज्यादा ठगी की एफआइआर दर्ज की जा चुकी है। अभी भी ऐसे मामले आ रहे है। ऐसे शातिरों की गिरफ्तारी करना भी पुलिस के लिए मुश्किल हो गया है। जालसाज वारदात के बाद अपने मोबाइल सहित अन्य संपर्क सूत्र को बंद कर देते हैं।

ऑनलाइन ट्रेडिंग और टास्क देकर सबसे ज्यादा ठगी

जालसाजों ने अधिकतर मामलों में ऑनलाइन ट्रेडिंग और टास्क देकर मोटा पैसा कमाने का झांसा देकर ठगी की है। तीन महीनों में सामने आए मामलों में 50 वारदातों को इसी तरह अंजाम दिया। वे ऑनलाइन ट्रेडिंग के नाम पर पीड़ितों से लाखों रुपये का निवेश करा लेते हैं।

पैसे लेने के बाद अपना मोबाइल नंबर बंद कर देते हैं। इसी तरह ठग ऑनलाइन टास्क देकर पीड़ितों को पहले दो-तीन दिन तक दो से तीन हजार रुपये का मुनाफा देते हैं। फिर ज्यादा मुनाफा कमाने का लालच देकर उनसे लाखों रुपये फर्जी खातों में ट्रांसफर करा लेते हैं।

यहां करें शिकायत

ठगी का शिकार होने पर तुरंत 1930 पर काल करें। या फिर cybercrime.gov.in पर जाकर शिकायत दर्ज कराएं। इसके अलावा संबंधित साइबर क्राइम थाने में शिकायत की जा सकती है।

यह बरतें सावधानी

सबसे पहले लोन सैटलमेंट के लिए खुद ही बैंक से संपर्क करें।
सोशल मीडिया पर अपनी फोटो, वीडियो या वायस से जुड़े पोस्ट पर प्राइवेसी सेट करें, ताकि इसे कोई सेव या कॉपी न कर पाए।
अनजान नंबर से काल आए तो उठाने से बचें।
कोई भी व्हाट्सऐप काल करके ओटीपी मांगे तो साझा न करें।
अपने व्हाट्सऐप पर टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन या टू स्टेप वेरिफिकेशन लगाएं।
कभी भी दो से तीन मिनट तक मोबाइल में सिग्नल न आने पर अलर्ट हो जाएं।

ठग अलग-अलग तरीकों से खाली कर रहे लोगों का खाता

जालसाज आए दिन ठगी के नए नए तरीके निकाल रहे हैं। आरोपित विदेश में नौकरी दिलाने, कैश आन डिलिवरी कैंसिल कराने, बीमा पालिसी को दोबारा शुरू कराने, एआइ (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) के जरिये, फिंगर प्रिंट क्लोन करके, बिजली के बिल, फर्जी वेबसाइट बनाकर, व्हाट्सऐप हैक कर रिश्तेदारों से मदद मांगने के बहाने, सिम स्वैपिंग, लोन की किस्त कम राशि में कराने, विदेश से उपहार व विदेशी मुद्रा भेजने और झूठी एफआइआर दर्ज कराने सहित अन्य बहानों से पीड़ितों के बैंक खाते खाली कर रहे हैं।

आरोपित और रकम नहीं आ पाती हाथ

ठगी के बाद न तो आरोपित जल्दी से पुलिस गिरफ्त में आते हैं और न ही पीड़ित को रकम वापस मिलती है। छतरपुर एन्क्लेव में रहने वाली एक युवती से ठगों ने छह अप्रैल को पांच लाख ठग लिए थे। पीड़िता का कहना है कि अभी तक आरोपित गिरफ्तार नहीं हुआ है न ही उन्हें पैसे मिले हैं। इसी तरह साकेत निवासी कुंदन से आनलाइन ट्रेडिंग के नाम पर 15 लाख ठगे गए।

साइबर ठगी से परिवार हों जागरूक

परिवार को साइबर ठगों से बचाने के लिए उन्हें बताना चाहिए कि अनजान नंबरों से किसी भी तरह के ऑफर में नहीं फंसना है। कोई भी व्यक्ति अगर आपसे ओटीपी या बैंक खाते से जुड़ी जानकारी मांगता है, तो उसे नहीं देना है।