बेंगलुरु । भारत और अमेरिका अपने रणनीतिक रिश्तों को बेहतर करने के साथ-साथ कई अन्य क्षेत्रों में भी एक-दूसरे सा सहयोग करने की कोशिश कर रहे हैं। इसी कड़ी में बीते बुधवार को कई अलग-अलग मुद्दों को लेकर अमेरिका-भारत पहल की घोषणा की गई है। इसके तहत अब दोनों देश अंतरिक्ष मिशन  के लिए एक साथ काम करेंगे। नासा और इसरो अपने अंतरिक्ष यात्रियों के साथ ज्वाइंट वेंचर पर काम करेंगे। नासा जॉनसन स्पेस सेंटर में इसरो के अंतरिक्ष यात्रियों को ट्रेनिंग दी जाएगी।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक संयुक्त राज्य अमेरिका भारत के साथ उसके मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम पर कई अन्य तरीकों से काम करेगा। इसरो अब नियमित रूप से नासा के द्विवार्षिक अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रम प्रबंधन पाठ्यक्रम में भाग लेगा। इसरो प्रमुख एस. सोमनाथ पहले से ही संयुक्त राज्य अमेरिका में हैं। नासा प्रमुख इस साल यहां आएंगे। भारत और अमेरिका ग्रह रक्षा पर मिलकर काम करेंगे। नासा की वाणिज्यिक चंद्र पेलोड सेवाओं सहित अंतरिक्ष क्षेत्र में भी भारत को बड़ा सहयोग मिलेगा।
मानव अंतरिक्ष उड़ान पर भारत-अमेरिका दोनों देश एक-दूसरे का सहयोग करेंगे। व्हाइट हाउस ने भारत-अमेरिका रणनीतिक साझेदारी पर एक बयान जारी कर जानकारी दी। बता दें कि यह फैसला बीते मंगलवार को वाशिंगटन डीसी में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और उनके अमेरिकी समकक्ष जेक सुलिवन के बीच हाल ही में हुई बैठक के बाद आया है। बैठक के दौरान नासा या नेशनल एरोनॉटिकल एंड स्पेस एजेंसी और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अधिकारी भी मौजूद थे।
नागरिक अंतरिक्ष संयुक्त (इंडो-यूएस सीएसजे) कार्य समूह के तहत एक नए अमेरिकी वाणिज्य विभाग और भारतीय अंतरिक्ष विभाग के नेतृत्व वाली पहल सहित द्विपक्षीय वाणिज्यिक अंतरिक्ष साझेदारी को मजबूत किया जाएगा। इसरो के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने अमेरिका यात्रा का स्वागत करते हुए कहा कि यह पहल कॉमर्शियल अंतरिक्ष जुड़ाव को बढ़ावा देगी और अमेरिका और भारतीय वाणिज्यिक अंतरिक्ष क्षेत्रों के बीच विकास और साझेदारी को सक्षम करेगी। नासा के वैज्ञानिक इसी साल भारत आएंगे।