पूजा वस्त्राकर के बाद टीम इंडिया में शामिल होने वाली दूसरी और भोपाल की महिला खिलाड़ी बनीं सौम्या 


विजय मत,भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल की बेटी सौम्या तिवारी जूनियर क्रिकेट जगत का सितारा बनने के बाद आज भारतीय क्रिकेट टीम का हिस्सा बन चुकी हैं। उनकी सफलताओं के एक नहीं अनेकों किस्से हैं जो उनकी काबिलियत का लोहा मनवाने के साथ सुनहरे भविष्य की मजबूत इमारत बनने का शुभ संकेत दे रहे हैं। लेकिन आज हम आपको लिटिल स्टार सौम्या तिवारी से जुड़ी एक ऐसी रोचक बात बताने जा रहे हैं जिसे सुन आपकी खुशी बढ़ जाए। सौम्या को मिली नई जर्सी का नम्बर 18 है। यह वही नम्बर है जिसे भारतीय पुरूष टीम के कप्तान विराट कोहली पहने नजर आते हैं। महिला टीम में स्मृति मंधाना की जर्सी का नम्बर 18 है। और अब इसी जर्सी नम्बर 18 में सौम्या तिवारी नजर आएंगी। सौम्या तिवारी क्रिकेट में विराट कोहली को अपना आदर्श मानती हैं। 

यह बात उन दिनों की है जब सौम्या करीब साढ़े दस बरस की थीं और क्रिकेट का ककहरा तक नहीं जानतीं थीं। छोटी बहन की रूचि को देखते हुए सौम्या की बड़ी बहन उसकी उंगली पकड़कर अरेरा क्रिकेट एकेडमी लेकर  पहुंची। जहां समर कैम्प आयोजित किया गया था। लेकिन लड़कियों को प्रवेश नहीं था।  बहरहाल, लगातार कई बार सौम्या की बहन साक्षी उसे लेकर कोच चेनानी के पास  ट्रेनिंग दिलाने के लिए आग्रह करने आईं। अन्ततः कोच इसके लिए तैयार हो गए। समर कैंप में प्रवेश मिल गया। उसकी फील्डिंग ने कोच को बहुत प्रभावित किया। बस, सौम्या के क्रिकेटर बनने का सफर यहीं से शुरू हो गया। सौम्या ने अपना पहला इंटरलीग टूर्नामेंट खेला और पहले ही मैच में मैन ऑफ द मैच चुनी गईं। उन्हें यह अवार्ड वर्तमान में विजय हजारे ट्राफी खिलाड़ी अश्विन दास ने दी थी। इसके बाद सौम्या ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और नन्हे कदम एक के बाद एक चुनौतियों के पहाड़ों को कामयाबी के साथ पार करते चले गए।

 

सौम्या के भीतर भविष्य का एक क्रिकेटर छुपा हुआ है, इसे पहचान कर कोच सुरेश चेनानी ने उसे तराशना शुरू कर दिया। उसे तमाम बारीकियों से अवगत कराते हुए तैयार किया। भोपाल क्रिकेट की लिटिल स्टार आज भारतीय महिला क्रिकेट अंडर 19 का राइन्जिग सन बनकर सामने है। सौम्या भोपाल की पहली और मध्यप्रदेश की दूसरी खिलाड़ी हैं जो भारतीय टीम का हिस्सा बनी हैं। सौम्या तिवारी अब करीब साढ़े सोलह वर्ष की हैं ।  वह एक बार सीनियर ग्रुप और दो बार जूनियर चैलेंजर ट्राफी खेल चुकी हैं। 2019 में अंडर 16 जोन कप्तान के रूप में टीम को विजेता का खिताब दिला चुकी हैं। सौम्या के इस सफर में उनकी फैमिली का सपोर्ट सदा साथ रहा। 2017 में उनका चयन अंडर 16 एमपी कैंप में हुआ लेकिन आगे नहीं बढ़ सकीं। 2018 फिर चुनी गईं। साल 2018 में जब अंडर 23 एमपी टीम में चयनित किया गया। अंडर 16 और अंडर 19 मध्यप्रदेश टीम की कप्तानी कर चैंपियन रहीं हैं। सौम्या को क्रिकेट के अलावा पेंटिंग्स और बुक रीडिंग का शौक है। वे पढाई में पीछे नहीं रहतीं। पिता कहते हैं हमें नहीं पता था कि सौम्या क्रिकेटर बनेगी हम तो उसके साथ खड़े रहे हैं। बहरहाल,सौम्या आज वूमन अंडर 19 भारतीय टीम की उपकप्तान हैं। वे बहुत जल्द अंडर 19 महिला विश्व कप की टीम में दिखाई देने वाली हैं। मुम्बई में 27 नवम्बर से 6 दिसम्बर तक न्यूजीलैंड के खिलाफ खेली जाने वाली पांच मैचों की टी 20 सीरीज के लिए उन्हें चयनित किया गया है। वे
एकदिन सीनियर इंडिया टीम में जरूर खेलेंगी।  अंतराष्ट्रीय क्रिकेट में शहडोल की  पूजा वस्त्राकर यह गौरव प्राप्त करने वाली पहली महिला क्रिकेटर हैं। सौम्या जूनियर क्रिकेट में मध्यप्रदेश की पहली इंडियन क्रिकेटर बन गई हैं। उनके पिता भोपाल कलेक्ट्रेट में सुपरवाइजर और माँ गृहणी हैं। 
सौम्या की सफलता बेटियों के लिए एक प्रेरणा बन चुकी है।
मध्यप्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन ने सौम्या तिवारी को यदि  भरपूर अवसर न दिए होते तो उपलब्धियों की लिस्ट इतनी बड़ी नही होती। हालांकि यह भी सही है कि उसने अपनी योग्यता से इसे अर्जित किया है। कोच चेनानी कहते हैं कि उसके परिवार के कई बार आग्रह और सौम्या की लगन को देखकर ही वे उसे कोचिंग देने के लिए तैयार हुए । वह एक प्रतिभाशाली खिलाड़ी है। हमारे लिए यह गर्व का विषय है। 

न्यूज़ सोर्स : Vijay Mat