भोपाल  । मप्र में भाजपा और कांग्रेस के बाद अब बसपा और सपा भी चुनावी मोड में आ गई हैं। प्रदेश में लगातार कम हो रहे जनाधार को थामने की कोशिश में लगी बसपा अब संगठन को मजबूत करने पर फोकस कर रही है। पार्टी का सदस्यता अभियान एक नवंबर से शुरू होगा और दिसंबर अंत तक चलेगा। रणनीति यह है कि पार्टी पदाधिकारी मतदान केंद्र स्तर पर जनसंपर्क करेंगे और लोगों को पार्टी की रीति-नीति से अवगत कराकर सदस्य बनाएंगे। इस दौरान निष्क्रिय पदाधिकारियों को चिन्हित भी किया जाएगा, ताकि उन्हें पदमुक्त कर सक्रिय सदस्यों को जिम्मेदारी सौंपी जा सके। वहीं सपा भी नवंबर में जिला, संभाग और राज्य स्तर पर कार्यकर्ता सम्मेलन करेगी। पार्टी की तैयारी चुनाव घोषणा के तीन माह पूर्व कम से कम 50 सीटों पर प्रत्याशी घोषित करने की है।
प्रदेश में बसपा का ग्वालियर-चंबल, बुंदेलखंड और विंध्य क्षेत्र में जनाधार है। 2003 में पार्टी को 7.26, 2008 में 8.72 और 2013 के विधानसभा चुनाव में 6.29 प्रतिशत मत मिले थे। 2018 के चुनाव में पार्टी का प्रदर्शन कमजोर रहा और 5.1 प्रतिशत मत ही प्राप्त हुए। भिंड और पथरिया विधानसभा क्षेत्र से पार्टी प्रत्याशियों को विजय मिली। हालांकि, भिंड से विधायक संजीव कुशवाह भाजपा में शामिल हो गए हैं। बसपा के प्रदेश अध्यक्ष रमाकांत पिप्पल का कहना है कि भले ही हमारे दो प्रत्याशी चुनाव जीते थे पर कई क्षेत्रों में पार्टी के उम्मीदवार दूसरे और तीसरे स्थान पर रहे हैं। आगामी चुनाव में पार्टी निर्णायक भूमिका में रहेगी। इसके लिए संगठन को मजबूत करने की दिशा में काम किया जा रहा है। नवंबर और दिसंबर में सदस्यता अभियान चलेगा। इसमें मतदान केंद्र तक पदाधिकारी जाएंगे और कार्यकर्ताओं के साथ बैठक करेंगे। इस दौरान उन पदाधिकारियों की जानकारी भी ली जाएगी जो निष्क्रिय हैं। इन्हें हटाकर सक्रिय कार्यकर्ताओं को आगे लाया जाएगा। पार्टी संगठन तैयार करने के बाद प्रत्याशी चयन की प्रक्रिया प्रारंभ करेगी।
उधर, सपा ने भी चुनाव की तैयारी प्रारंभ कर दी है। प्रदेश में पार्टी का बड़ा जनाधार तो नहीं है पर उत्तर प्रदेश से लगे क्षेत्रों में इसके प्रत्याशी खेल बिगाडऩे का काम करते हैं। 2018 के विधानसभा चुनाव में बिजावर क्षेत्र से पार्टी के राजेश कुमार शुक्ला जीते थे लेकिन राष्ट्रपति चुनाव के समय वे भाजपा में शामिल हो गए। हालांकि, विधानसभा में दलीय स्थिति के अनुसार अभी वे सपा के ही सदस्य हैं। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष रामायण सिंह पटेल का कहना है कि उत्तर प्रदेश की सीमा से लगे निर्वाचन क्षेत्रों में पार्टी अच्छी स्थिति में है। हम उन क्षेत्रों को चिल्हित कर रहे हैं, जहां चुनाव से तीन माह पूर्व प्रत्याशी घोषित किए जा सकते हैं। हमारी तैयारी पचास सीटों पर पहले प्रत्याशी घोषित करनी है। इसके साथ ही जिला और संभाग स्तर पर सम्मेलन किए जाएंगे। नवंबर में ही राज्य स्तरीय कार्यकर्ता सम्मेलन किया जाएगा।