भोपाल । दीपावली के बाद अचानक ही बढ़ जाते प्रदूषण के स्तर को देखते हुए कई राज्यों ने पूरी तरह पटाखों पर प्रतिबंध लगा दिया है। वहीं, कई जगहों पर दो घंटे तक ग्रीन पटाखों जलाने की छूट दी गई है। इसके चलते शहरभर में दीपावली में ग्रीन पटाखों के तरफ लोगों का स्र्झान बढ़ा है साथ ही ग्रीन पटाखे जलाने के लिए लोगों में उत्सुकता है। बता दें कि ग्रीन पटाखे पर्यावरण के लिए सामान्य पटाखों की अपेक्षा कम हानिकारक होते हैं। पटाखा बाजार लगने के साथ ही इस बार बाजार में ग्रीन पटाखे बिकने को तैयार हैं।
ग्रीन पटाखे दिखने में सामान्य पटाखों जैसे ही होते है । इन पटाखों के निर्माण के समय इस बात का विशेष ख्याल रखा जाता है कि धमाके के बाद कम से कम प्रदूषण फैले। ग्रीन पटाखे से करीब 20 प्रतिशत पार्टिक्यूलेट मैटर निकलता है। जबकि 10 प्रतिशत गैस उत्सर्जित होती है। ये गैस पटाखे की संरचना पर आधारित होती है। ग्रीन पटाखों के बाक्स पर बने क्यूआर कोड को स्कैन कर करके इनकी पहचान की जा सकती है।
दिवाली के बाद पटाखे जलाने से हुए प्रदूषण से हवा में सांस लेना मुश्किल हो जाता है। प्रदूषण बढऩे से सबसे ज्यादा परेशानी अस्थमा और कैंसर के मरीजों को होती है। साधारण पटाखों से बाहर निकलने वाले पार्टिक्यूलेट मैटर शरीर के अंदर चले जाते हैं और फेफड़ों में फंस जाते हैं। इसकी वजह से हार्ट डिसीज या अस्थमा जैसी गंभीर बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए यह बेहद जानलेवा हो सकता है।
हाल ही में जीएसटी विभाग द्वारा गिरवाई स्थित पटाखा मार्केट में छापेमारी की गई थी । इस छापेमारी के पीछे का कारण दुकानदार द्वारा ग्राहक को बिल न देना था। बिल मांगने पर ग्राहक से खरीदारी की कुल भुगतान शुल्क पर छूट देने की बात कही जाती थी । इसके खिलाफ जीएसटी विभाग ने कार्यवाही की थी। इसलिए पटाखे खरीदते समय अनिवार्य रूप से बिल लें ।