थ्‍वी शॉ ने चोट से लंबे समय के बाद पेशेवर क्रिकेट में जबरदस्‍त वापसी की और छत्‍तीसगढ़ के खिलाफ रणजी ट्रॉफी के मुकाबले में शतक जमाया। पृथ्‍वी शॉ ने यह शतक जमाकर इतिहास रच दिया। उन्‍होंने 185 गेंदों में 18 चौके और तीन छक्‍के की मदद से 159 रन बनाए।

पृथ्‍वी शॉ ने रिकॉर्ड शतक जड़ने के बाद भारतीय टीम में वापसी करने के बारे में अपनी राय प्रकट की है। शॉ ने कहा कि इस समय वो भारतीय टीम में वापसी के बारे में कुछ भी नहीं सोच रहे हैं और उनका पूरा ध्‍यान केवल मुंबई को रणजी ट्रॉफी चैंपियन बनाने पर लगा हुआ है। पृथ्‍वी शॉ ने इंटरव्‍यू में अपने लक्ष्‍य के बारे में जानकारी दी।

पृथ्‍वी शॉ ने क्‍या कहा

मैं दूर की नहीं सोच रहा हूं। मैं वर्तमान में रह रहा हूं। कोई अपेक्षा नहीं है। मैं खुश हूं कि क्रिकेट खेलने लौटा हूं। मैं चोट से उबरकर लौटा हूं और अपना सर्वश्रेष्‍ठ देना चाहता हूं। मेरा लक्ष्‍य रणजी ट्रॉफी खिताब मुंबई के लिए जीतना है और मैं टीम के लिए योगदान देकर इसे हासिल करने की कोशिश कर रहा हूं।

बल्‍लेबाजी करके अजीब लगा

पृथ्‍वी शॉ ने कहा कि चोट से उबरने के बाद लंबे समय बाद क्रीज पर वापसी की तो बल्‍लेबाजी करते हुए अजीब महसूस हो रहा था। उन्‍होंने कहा कि क्रीज पर कुछ समय बिताने के बाद उनको सब ठीक लगने लगा और कोई परेशानी नहीं हुई।

मैं अच्‍छा करना चाहता हूं, लेकिन कभी सोचता हूं कि अपनी स्‍टाइल में बल्‍लेबाजी कर पाऊंगा या नहीं। जब वापसी करूंगा तो कैसे खेलूंगा? मैं अच्‍छी पारी खेल पाऊंगा या नहीं। यह सारे विचार मेरे दिमाग में घूम रहे थे। मगर कुछ घंटे क्रीज पर खड़े रहने के बाद चीजें ठीक हो गईं।

तीन साल से बाहर

मैं घबराया हुआ नहीं था, लेकिन अजीब महसूस हो रहा था। हालांकि, मैं मैच की तैयारी कर चुका था और खुद को प्रोत्‍साहित कर रहा था कि सब ठीक हो जाएगा।

बता दें कि पृथ्‍वी शॉ तीन साल से राष्‍ट्रीय टीम से बाहर चल रहे हैं। शॉ को भारत के सबसे प्रतिभाशाली क्रिकेटरों में से एक माना जा रहा था, लेकिन वो अपनी प्रतिभा के साथ अब तक न्‍याय करते हुए नजर नहीं आएं हैं।