भोपाल । जीएसटी और आयकर के नियमों पर प्रदेश के कर विशेषज्ञ मिलकर इंदौर में चर्चा करेंगी। तीसरी राज्य स्तरीय जीएसटी व आयकर कांफ्रेंस 12 नवंबर को इंदौर में आयोजित होगी। मप्र टैक्स ला बार एसोसिएशन और कमर्शियल टैक्स प्रेक्टिशनर्स एसोसिएशन मिलकर कांफ्रेंस आयोजित कर रहे हैं। देशभर के कर विशेषज्ञ कर कानूनों को समझाने के लिए इसमें वक्ता के तौर पर शामिल होंगे। कांफ्रेंस में शामिल होने के लिए केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री को भी न्यौता दिया गया है।
जीएसटी लागू होने के पहले नए कर कानून के बारे में जनमत बनाने के लिए इंदौर में पहली राज्य स्तरीय कांफ्रेस आयोजित हुई थी। दूसरी कांफ्रेंस 2017 में इंदौर में आयोजित हुई थी। इसमें तत्कालिन लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन समेत राज्य के तमाम अधिकारी शामिल हुए थे। दो साल कोरोना के कारण ऐसा आयोजन नहीं हो सका। इस बीच जीएसटी में 500 से ज्यादा संशोधन हो चुके हैं। बदलावों को लेकर कर सलाहकारों से लेकर कारोबारियों तक में संशय बना हुआ है। कमर्शियल टैक्स प्रेक्टिशनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष केदार हेड़ा के अनुसार प्रदेश के 300 कर सलाहकार, चार्टर्ड अकाउंटेंट और टैक्स एडवोकेट इसमें शामिल होंगे। कांफ्रेंस में शामिल होने के लिए केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री मनोज मिश्रा को भी आमंत्रण दिया गया है। प्रदेश के वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा के साथ केंद्रीय जीएसटी आयुक्त पार्थराय चौधरी, प्रदेश के जीएसटी आयुक्त लोकेशकुमार जाटव भी कांफ्रेंस में हिस्सा लेंगे।
राज्य स्तरीय कांफ्रेंस में आयकर कानून के अधीन कैपिटल गेन्स तथा जीएसटी में इनपुट टैक्स क्रेडिट सम्बंधित जटिल प्रावधानों की तकनीकी व सरलतम व्याख्या हेतु राष्ट्रीय स्तर के ख्यात वक्ताओं को आमंत्रित किया गया है।आयकर अधिनियम के अधीन रियल-एस्टेट के संदर्भ में पूंजीगत लाभ सम्बंधित जटिल प्रविधानों को समझाने के लिए वक्ता के तौर पर अहमदाबाद से सीए पलक पावागड़ी आ रहे हैं।जीएसटी विधान में इनपुट टैक्स क्रेडिट सम्बंधित प्रविधानों की न्यायालयीन निर्णयों के परिपेक्ष्य में विस्तृत व्याख्या विषय पर उद्बोधन देने सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट जे के मित्तल नई दिल्ली से आ रहे हैं। जाल सभागृह में होने वाले आयोजन के निष्कर्ष के आधार पर कर कानूनों पर एक रिपोर्ट तैयार की जाएगी। सुधार और व्यवहारिक बनाने के लिए यह रिपोर्ट केंद्र और राज्य सरकार को भी भेजी जाएगी।