नई दिल्ली । हरियाणा कांग्रेस की अंदरूनी लड़ाई अब दिल्ली दरबार तक पहुंच गई है। पार्टी के दो वरिष्ठ महासचिवों कुमारी शैलजा और रणदीप सिंह सुरजेवाला ने पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से दिल्ली स्थित उनके आवास पर मुलाकात की और पार्टी के हरियाणा प्रभारी दीपक बाबरिया के कामकाज के तरीके के बारे में शिकायत की। दोनों नेताओं ने राज्य में कांग्रेस की चुनावी संभावनाओं को नुकसान पहुंचाने के लिए पार्टी प्रभारी पर पुराने कांग्रेसियों को दरकिनार करने की आंतरिक साजिश रचने का भी आरोप लगाया। ईटी के मुताबिक शैलजा और सुरजेवाला ने अपने आरोपों के समर्थन में खरगे को कुछ वीडियो क्लिपिंग भी सौंपी है, जिसमें दिखाया गया है कि दीपक बाबरिया ने हरियाणा के विभिन्न जिलों और संसदीय क्षेत्रों के लिए वैसे लोगों को पार्टी समन्वयकों और पर्यवेक्षकों के तौर पर चुना है, जो प्रतिद्वंद्वी गुट के प्रमुख भूपेंद्र सिंह हुड्डा का समर्थन करने के लिए काम कर रहे थे। समझा जाता है कि दोनों महासचिवों ने शिकायत की है कि बाबरिया के चुने अधिकांश समन्वयक और पर्यवेक्षक हुड्डा के वफादार हैं। इन दोनों ने सवाल उठाया कि इन लोगों की नियुक्ति तटस्थ आचरण के लिए बने पदों पर कैसे की गई? हरियाणा कांग्रेस विधायक दल की पूर्व नेता किरण चौधरी, जो इन दिनों शैलजा और सुरजेवाला के साथ मिलकर काम कर रही हैं, ने भी इसी तरह के आरोप लगाने के लिए खड़गे से मुलाकात की। हरियाणा कांग्रेस के अंदर इस तरह की लड़ाई से पार्टी आलाकमान को बड़ा झटका लगा है।
यह घटनाक्रम ऐसे समय में हुआ है, जब हुड्डा के आंतरिक प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस नेतृत्व पर सवाल उठा रहे हैं कि प्रदेश कांग्रेस किस आधार पर भूपेंद्र सिंह हुड्डा को भावी मुख्यमंत्री के रूप में पेश कर रही है। कांग्रेस महासचिव (संगठन) केसी वेणुगोपाल, जो उस समय खरगे के साथ मौजूद थे, जब शैलजा और सुरजेवाला ने पार्टी अध्यक्ष से मुलाकात की थी, शैलजा से मुलाकात के बाद दोनों महासचिवों द्वारा उठाए गए मुद्दों का समाधान किया। खरगे से मुलाकात के बाद कुमारी शैलजा ने मीडियाकर्मियों से कहा ‎कि हरियाणा में कांग्रेस कार्यकर्ता परेशान हैं, इसलिए हम पार्टी अध्यक्ष के सामने अपनी बात रखने आए थे। हरियाणा के जिलों में नियुक्त किए गए प्रभारियों से कांग्रेसी नाराज हैं। अगर कोई गुटबाजी को बढ़ावा देता है तो इससे लोगों के बीच पार्टी की नकारात्मक छवि बनती है। सुरजेवाला ने भी कहा ‎कि हम पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और महासचिव (संगठन) से मिलने आए थे और प्रदेश के कांग्रेस कार्यकर्ताओं की शिकायतों को सामने रखा और बताया कि उन्हें कैसे दरकिनार किया जा रहा है।