नई दिल्ली । दिल्ली में आम चुनाव से पहले आप और कांग्रेस में सीटों को लेकर घमासान मचा हुआ है। आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच लगातार तनातनी बढ़ रही है। बता दें ‎कि कांग्रेस ने भी ऐलान कर दिया है कि उसने सभी सात सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रखी है और पार्टी बेहतर स्थिति में है। हालांकि, कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व जो फैसला लेगा, उस पर आगे बढ़ा जाएगा। आम चुनाव से पहले इंडिया ब्लॉक में शामिल पार्टियों के बीच सीट शेयरिंग का पेंच उलझता जा रहा है। दिल्ली में एक दिन पहले आप के फॉर्मूले पर कांग्रेस ने जवाब दिया है। कांग्रेस का कहना है कि हमने भी सभी सातों सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रखी है। अन्य पार्टियों की तुलना में भी कांग्रेस दिल्ली में बेहतर स्थिति में है। इन सभी लोकसभा क्षेत्रों में कांग्रेस ने बैठकें और रैलियां की हैं। 
उन्होंने कहा है ‎कि हालांकि, अंतिम फैसला कांग्रेस हाईकमान करेगा। दरअसल मंगलवार को आम आदमी पार्टी ने दिल्ली को लेकर अपना रुख साफ किया है। दिल्ली की सत्ता में काबिज आप का कहना है कि हमने दिल्ली में छह सीटों पर चुनाव लड़ने का प्लान बनाया है। जबकि एक सीट कांग्रेस को देने के लिए तैयार हैं। आप सांसद संदीप पाठक ने कहा ‎कि योग्यता के आधार पर कांग्रेस पार्टी दिल्ली में एक भी सीट की हकदार नहीं है, लेकिन गठबंधन के धर्म को ध्यान में रखते हुए हम उन्हें एक सीट की पेशकश कर रहे हैं। हम कांग्रेस पार्टी को एक सीट पर और आप को छह सीटों पर लड़ने का प्रस्ताव देते हैं।
हालां‎कि आप की इस टिप्पणी के बाद कांग्रेस ने भी तेवर दिखाए हैं। दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली ने कहा ‎कि जहां तक ​​दिल्ली में कांग्रेस की बात है तो पिछले चुनाव में भी हमारी पार्टी ने किसी भी अन्य पार्टी से बेहतर प्रदर्शन किया था। हम 5 सीटों पर दूसरे नंबर पर थे। इस बार भी यहां तीन राजनीतिक पार्टियां हैं। इनमें से सिर्फ कांग्रेस पार्टी ने पिछले तीन महीनों में सभी सात लोकसभा सीटों के इलाकों में अपने कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की है। अन्य पार्टियों की तुलना में कांग्रेस बेहतर स्थिति में है।