नई दिल्ली । यदि आप ब्रांडेड शराब के शौकीन हैं और महंगी बोतल खरीद कर खुश हो रहे रहे हैं, तो यह खबर आपके लिए बहुत जरूरी है। सबसे पहले तो आपको यह जान लेना चाहिए कि जो शराब आप खरीद कर लाए हैं, वह नकली तो नहीं। जी हां, ऐसा हो सकता है। दो दिन पहले ही फरीदाबाद में इस तरह का मामला सामने आया है। यहां ब्रांडेड और महंगी शराब के यूज्ड बोतल में केमिकल वाली शराब बेची जा रही थी। इस शराब की ना केवल होम डिलीवरी हो रही थी, बल्कि खरीदने पर बड़ा डिस्काउंट भी दिया जा रहा था। यह खुलासा आबकारी विभाग और पुलिस की दबिश में हुआ है। पुलिस ने फरीदाबाद के एनआईटी में दबिश देकर नकली शराब के रिबॉटलिंग प्लांट पकड़ा है। पुलिस ने मौके से दो लोगों को अरेस्ट भी किया है। आरोपियों की पहचान एनआईटी निवासी चरण सिंह तथा दिल्ली के मधुविहार में रहने वाले निखिल के रूप में हुई है। पुलिस के मुताबिक आरोपी अपने प्लांट में तैयार शराब की होम डिलीवरी तो कराते ही थे, गुरुग्राम, फरीदाबाद और दिल्ली के कई ठेकों पर भी सप्लाई करते थे। जहां से सरकारी रेट से भी कम कीमत पर इस शराब की बिक्री हो रही थी। पुलिस के मुताबिक आबकारी विभाग को काफी समय से इस गोरखधंधे की खबर आ रही थी। इसमें बताया गया था कि एक गिरोह सरकारी रेट से भी कम कीमत पर ब्रांडेड शराब की सप्लाई कर रहा है। आबकारी विभाग ने अपने स्तर पर जांच कराई। इसमें पता चला कि ब्रांड शराब के बोतलों में रिबॉटलिंग हो रही है। शराब की जगह बोतलों में थीनर भरा जा रहा है। इसे पीने से शुरुआत में तो तेज नशा होता है, लेकिन बाद में यह केमिकल शरीर के भीतर अंगों को डैमेज करने लगता है। चूंकि शराब की बोतल विधिवत मशीन से पैक होती है और होलोग्राम भी लगा होता है। इसलिए कोई भी ग्राहक इसे देखकर गच्चा खा सकता है। एसीपी मोनिका देशवाल ने बताया कि आबकारी विभाग से मिले इनपुट के आधार पर पहले नीलम चौक स्थित शराब ठेके पर रेड हुई। इसमें दो आरोपियों को अरेस्ट किया गया। उनसे जब पूछताछ हुई तो इस गोरखधंधे का खुलासा हुआ। पकड़े गए आरोपियों ने बताया कि वह सस्ती शराब में थीनर जैसा केमिकल मिलते हैं और ब्रांडेड शराब के यूज्ड बोतलों में यह मिलावटी शराब भरकर मार्केट में सप्लाई करते हैं। आरोपियों ने बताया कि वह मिलावटी शराब ठेके से तो बेचते ही हैं, शौकीनों को ऑनलाइन बुकिंग की सुविधा देते हुए होम डिलीवरी भी कराते हैं। आरोपियों ने बताया कि उनके कारोबार में कुछ कबाड़ी भी शामिल हैं। वह इन्हीं कबाड़ियों से ब्रांडेड शराब शराब की खाली बोतल खरीदते हैं और फिर उनकी धुलाई कर उसमें मिलावटी शराब भरते हैं। इसी प्रकार आरोपियों के नेटवर्क में रैपर और होलोग्राम छापने वाले भी शामिल हैं। इन सभी को प्रति बोतल के हिसाब से आरोपी भुगतान करते हैं।