मुंबई । भारत में किसी भी नागरिक के लिए सबसे महत्वपूर्ण दस्तावेजों में से एक है, उसका आधार कार्ड है। इस कारण हर नागरिक के पास इसका होना जरूरी है। इसका फायदा उठाते हुए बहुत-से ऑपरेटर जरूरी दस्तावेजों के नहीं रहने पर भी आधार कार्ड बना देते हैं। यह देखकर भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने सख्ती दिखाना शुरु कर दिया हैं। भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण ने एक आधिकारिक बयान में जानकारी दी है कि पिछले साल धोखाधड़ी गतिविधियों में लिप्त पाए जाने के कारण 1.2 प्रतिशत आधार ऑपरेटरों को निलंबित किया गया है। साथ ही इसतरह के मामलों में आवश्यक दंडात्मक कार्रवाई की जा रही है। सरकार के अनुसार, यह कदम आधार 2.O रोडमैप का हिस्सा है। 
ऑपरेटरों की लिस्ट की बात करें, तब भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण के पास करीब एक लाख ऑपरेटर का नाम शामिल होने का अनुमान है। ये ऑपरेटर व्यक्तियों को नामांकित करने, उनके नाम में सुधार, पते में परिवर्तन और फोटो अपडेट जैसे आधार सेवाएं प्रदान करते हैं। सभी नए वयस्क नामांकनों की गुणवत्ता जांच के लिए राज्य सरकारों को शामिल किया गया है।
एक ऑपरेटर को यूआईडीएआई डाटा सेंटर में नियमित रूप से रजिस्ट्रेशन मशीन और अन्य उपकरणों की जांच कराने की जरूरत होती है। ऑपरेटर को प्रतिदिन सीमित संख्या में ही नामांकन की अनुमति होती है। इसके अलावा, ऑपरेटर इस सिस्टम का दुरुपयोग न कर सकें, इसके लिए नामांकन मशीनों में जीपीएस लगाया गया है। गौरतलब है कि भारत में हर महीने औसतन 200 करोड़ से ज्यादा आधार का प्रमाणीकरण किया जा रहा है।