कार निर्माता कंपनी टोयोटा मोटर ने मानव अधिकारों की चिंता छोड़ कर म्यांमार में अपने कारखाने को चालू कर दिया है। इस तरह उसने म्यांमार पर पश्चिमी देशों की तरफ से लगाए गए प्रतिबंधों की अनदेखी करने का निर्णय लिया है। इन प्रतिबंधों के कारण बीते एक साल यूरोप की कई कंपनियों ने म्यांमार में अपना कारोबार समेट लिया या कारोबार में कटौती की। लेकिन टोयोटा ने उनके विपरीत रुख लिया है।इस प्रोजेक्ट पर कंपनी सैनिक तख्ता पलट के पहले से काम कर रही थी। कारखाना फरवरी 201 में ही चालू होना था। लेकिन एक फरवरी 2021 को हुए तख्ता पलट के बाद टोयोटा ने वहां काम रोक दिया। मगर अब 19 महीने बाद उसने कारखाना चालू कर दिया है। म्यांमार की सेना ने फरवरी 2021 में निर्वाचित प्रतिनिधियों को शासन संभालने से रोक कर सत्ता पर कब्जा जमा लिया था। तब से देश पर म्यांमार पर पश्चिमी देशों ने प्रतिबंध लगा रखे हैं।
टोयोटा का थिलवा प्लांट वहां स्थित स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन में स्थित है। पर्यवेक्षकों ने कहा है कि म्यांमार इस गहरे सामाजिक और आर्थिक उथल-पुथल के दौर में है। देश के कई इलाकों में बागी गुटों की गतिविधियां तेज हो जाने से गृह युद्ध जैसी स्थिति बनी हुई है। विद्रोहियों में नस्ल आधारित हथियार बंद कुछ समूहों के साथ-साथ नोबेल शांति पुरस्कार विजेता आंग सान सू ची की पार्टी नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी के समर्थक भी शामिल हैँ। लेकिन इस हाल को नजरअंदाज कर टोयोटा ने कारखाना चालू किया है।