भोपाल । खाद्य नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता सरंक्षण विभाग अब राशन की कालाबाजारी को रोकने के लिए मोबाइल नंबर का उपयोग करेगा। हर उपभोक्ता का मोबाइल नंबर दर्ज किया जाएगा जिससे दुकान से राशन मिलने के बाद उसके मोबाइल पर मैसेज आएगा कि कितना राशन मिला और पर्ची भी निकल सकेगी। इसको लेकर भोपाल से सभी जिलों को आदेश जारी हो गए हैं। इसमें अभियान चलाने के लिए कहा गया है जो कि 30 अक्टूबर तक चलाया जाएगा। कम से कम एक परिवार का एक मोबाइल नंबर जरूरी तौर पर दर्ज किया जाएगा।
राशन की दुकानों पर कम राशन देने व कालाबाजारी की शिकातयें आम हैं। भोपाल सहित प्रदेशभर में लगातार यह शिकायतें सामने आ रहीं हैं। वहीं अभी तो प्रधानमंत्री की योजना वाला राशन दिया जा रहा है उसे न देने की सबसे ज्यादा शिकायतें सामने आईं। अब पात्र हितग्राहियों को पूरा राशन मिले इसके बाद यह पूरा सिस्टम बनाया जा रहा है।
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के तहत सम्मिलित पात्र हितग्राहियों के इकेवायसी एवं डाटाबेस में मोबाइल नंबर दर्ज किया जाना अनिवार्य है। साज्ञथ ही वास्तविक पात्र हितग्राहियों की पहचान करना, हकदारी अनुसार सामग्री की प्रदायगी, प्रदाय सामग्री की हितग्राही को सूचना, ओएनओआर के तहत किसी भी उचित मूल्य दुकान से राशन प्राप्त करने में सुविधा, अपात्र एवं अस्तित्वहीन हितग्राहियों का विलोपन एवं नवीन हितग्राही को जोडऩा जरूरी है। वास्तविक परिवार के सही मोबाइल नंबर दर्ज करने के लिए मोबाइल नंबर दर्ज करने की कार्रवाई ओटीपी आधारित रहेगी। पात्र परिवार के डेटाबेस में मोबाइल नंबर दर्ज करने की सुविधा उचित मूल्य दुकान पर लगाई गई पीओएस मशीन पर उपलब्ध कराई गई है। जिनके पहले से नंबर दर्ज हैं,उनके नंबर नहीं लिए जाएंगें।