नई दिल्ली । राउज एवेन्यू कोर्ट ने अमेरिका की एक महिला के साथ साइबर धोखाधड़ी के आरोपित को ईडी की पांच दिन की हिरासत में भेज दिया। विशेष न्यायाधीश गौरव राव ने आरोपित लक्ष्य विज को 28 जुलाई तक ईडी की हिरासत में भेजा। ईडी ने आरोपित की हिरासत का अनुरोध करते हुए दलील दी कि कई हजार डॉलर की धोखाधड़ी हुई है। ऐसे में आरोपित से धन के लेन-देन का पता लगाने व इसमें शामिल अन्य लोगों की भूमिका का पता लगाने के लिए के लिए आरोपित से पूछताछ करनी है। विज को ईडी ने उस मामले में गिरफ्तार किया है, जिसमें एक अमेरिकी महिला लिसा रोथ से कई हजार डॉलर की धोखाधड़ी की गई थी। इस राशि को क्रिप्टोकरेंसी में बदल दिया गया और फिर आरोपित व्यक्तियों के बाइनेंस और एफटीएक्स वालेट में स्थानांतरित कर दिया गया। दक्षिणी जिला पुलिस ने एक फर्जी कॉल सेंटर का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने इस गिरोह की नौ महिलाओं सहित 20 जालसाजों को गिरफ्तार किया है। पुलिस के अनुसार, आरोपित सरकारी योजनाओं के तहत लोन दिलाने के बहाने देशभर के लोगों से ठगी कर रहे थे। पीड़ितों में महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, पंजाब, उत्तराखंड, अरुणाचल प्रदेश, तेलंगाना, राजस्थान, तमिलनाडु, झारखंड, पश्चिम बंगाल और दिल्ली के लोग शामिल हैं। पुलिस ने इनसे ठगी में प्रयोग 32 मोबाइल, 48 फर्जी सिम कार्ड, चार लैपटॉप, डोंगल, 25 रजिस्टर और ठगी के रुपयों से खरीदी गई कार व दो बाइक बरामद की है। पुलिस उपायुक्त अंकित चौहान ने बताया कि गिरफ्तार आरोपितों की पहचान विकेश, राहुल, राजेश, दीपक, राहुल, राज पांडे, मोहम्मद शाहकार उर्फ शान, मोहम्मद इमाम, अंकुर धुरिया उर्फ राहुल के रूप में हुई है। गिरफ्तार किए गए 11 अन्य आरोपित टेली कालर का काम कर रहे थे। पुलिस ने जालसाजों से ठगी में इस्तेमाल 32 मोबाइल, 48 फर्जी सिम कार्ड, चार लैपटाप, डोंगल, 25 रजिस्टर और ठगी के पैसे से खरीदी गई कार व दो बाइक बरामद की है। गिरोह साकेत के गांव लाडो सराय में एक घर में फर्जी कॉल सेंटर चलाकर ठगी कर रहा था। पुलिस उपायुक्त ने बताया कि गिरोह सरकारी योजनाओं के तहत लोन दिलाने का झांसा देकर ठगी कर रहे थे।