नई दिल्‍ली । वित्त मंत्री सीतारमण ने अंतरिम बजट 2024 पेश करने के बाद टैक्‍स को लेकर खुलासा किया है। उन्‍होंने बताया कि आखिरी आयकर में छूट और टैक्‍स स्‍लैब में बदलाव क्‍यों नहीं किया गया। वित्त मंत्री ने बजट पेश करने के दो दिन बाद इस राज से पर्दा हटा दिया है। निर्मला सीतारमण ने कहा कि अंतरिम बजट 2024 में आयकर में छूट या टैक्‍स स्‍लैब में बदलाव पर फैसला लेने का समय नहीं था। टैक्‍स के साथ ही कई और सेक्‍टर में कोई बदलाव नहीं किया गया है। बता दें कि वित्त मंत्री ने अंतरिम बजट में डायरेक्‍ट टैक्‍स और इनडायरेक्‍ट टैक्‍स को पहले की तरह ही समान रखने का प्रस्‍ताव दिया था। बकाया टैक्‍स डिमांड वाले लोगों को राहत देते हुए वित्त मंत्री स्‍माल, नॉन- रिजॉल्वेबल और डिस्प्यूट डायरेक्‍ट टैक्‍स डिमांड को वापस लेने का प्रस्‍ताव रखा था। इसका मतलब है कि वित्त वर्ष 2009-10 तक की अवधि के लिए 25,000 रुपये तक की टैक्‍स डिमांड और वित्त वर्ष 2011 से 2015 के लिए 10 हजार रुपये तक की टैक्‍स डिमांड वापस ले ली जाएगी। सीतारमण ने कहा कि व्‍यापार और जीवन में आसानी के लिए यह कदम उठाया गया है। उन्‍होंने कहा कि कुछ बकाया टैक्‍स डिमांड 1962 की हैं, जो अभी रिकॉर्ड में दर्ज हैं, जिस कारण टैक्‍सपेयर्स को चिंता हो रही और रिफंड होने में भी दिक्‍कत आ रही है। उन्‍होंने कहा कि इस छूट से करीब 1 करोड़ टैक्‍सपेयर्स को लाभ पहुंचेगा। वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार ने टैक्‍स को कम और तर्कसंगत बनाया है। नई टैक्‍स व्‍यवस्‍था के तहत अब 7 लाख रुपये तक की आय वाले टैक्‍सपेयर्स के लिए कोई देनदारी नही है।