नई दिल्ली। दिल्ली पिछले साल देश की राजधानी दिल्ली में आई बाढ़ से सबक लेते हुए इस बार आम आदमी पार्टी सरकार की उसी तरह के हालात से निपटने की पूरी तैयार है। दिल्ली सरकार ने बाढ़ से निपटने के लिए अपने अधिकारियों और एनडीआरएफ की टीमों के साथ एक हाई लेवल बैठक की है। वारफुट लेवल पर सभी अधिकारियों को अलर्ट मोड में रहने को कहा गया है। शनिवार को हुई बैठक का एजेंडा था आने वाले दिनों में  ज्यादा बारिश होने पर पिछले साल जैसे हालात दिल्ली में ना आने देना है। दरअसल, दिल्ली में पिछले साल बाढ़ जैसे हालात बन गए थे। यमुना नदी का जलस्तर रिकॉर्ड स्तर से ऊपर पहुंच गया था। इस बार बारिश में ऐसे हालात नहीं बने, इसके लिए दिल्ली सरकार लगातार इस मुद्दे पर अपने अधिकारियों के साथ बैठक कर रही है। साथ ही अलग-अलग जगह पर कंट्रोल रूम भी बनाए गए हैं, जिससे किसी भी हालात की निगरानी की जा सके।दिल्ली सरकार की जल मंत्री आतिशी और सौरभ भारद्वाज ने अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में इस बात पर चर्चा हुई कि दिल्ली में पिछली बार यमुना का जलस्तर रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया था। जिस वजह से काफी परेशानी हुई थी। लेकिन, इस बार पूरी तैयारी कर ली गई है। इस बार पूर्वी जिले के डीएम ऑफिस में बाढ़ नियंत्रण कंट्रोल रूम बनाया गया है। इसमें सभी विभागों के अधिकारी तैनात रहते हैं। यहां से हर समय निगरानी रखी जा रही है। हथिनी कुंड बैराज से 1 लाख क्यूसेक से ज्यादा पानी के रिलीज होते ही बाढ़ नियंत्रण विभाग, एनडीआरएफ समेत सभी एजेंसियां सक्रिय हो जाएंगी। दिल्ली सरकार में मंत्री आतिशी के मुताबिक मीटिंग में सभी तैयारियों का जायजा लिया गया। बैठक में एनडीआरएफ की तरफ से भी अधिकारी आए थे। मंत्री आतिशी ने कहा, हम उम्मीद करते हैं कि दिल्ली में इस बार बाढ़ की स्थिति ना आए, लेकिन अगर ऐसा होता भी है तो दिल्ली सरकार पूरी तरह से तैयार है। उन्होंने बताया कि हिमाचल प्रदेश में पिछले दो दिन में अच्छी बारिश हुई है। जिससे हथिनी कुंड बैराज से ज्यादा पानी डिस्चार्ज हो रहा है। हालांकि, अभी वहां से 352 क्यूसेक पानी डिस्चार्ज हो रहा है। जब इस बैराज से एक लाख क्यूसेक से ज्यादा पानी डिस्चार्ज होता है, तभी बाढ़ की आशंका होती है।